फिर से चर्चा में आये पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, जानिए क्या है वजह

तेलंगाना विधानसभा ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को 'भारत रत्न' पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2020 4:05 PM
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तेलंगाना विधानसभा ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को ‘भारत रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया है. मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने दिवंगत प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न दिये जाने की मांग की है. सदन में पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पेश किया। इस दौरान सीएम केसीआर ने नए आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में पीवी की सराहना की

सदन में पीवी नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पेश करते हुए सीएम केसीआर ने कहा कि पीवी नरसिम्हा राव ग्लोबल इंडिया के निर्माता है. देश कई चुनौतियों का सामना कर रहा था, तब वे देश के प्रधानमंत्री बने थे. पीवी ने देश के हित में कई साहसिक निर्णय लिए हैं. मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री होने का श्रेय भी पीवी को ही दिया जाता है. सीएम ने कहा कि पीवी द्वारा शुरू किये गए सुधारों के नतीजों को आज हम अनुभव कर रहे हैं.

आपको बता दें कि राव का जन्म 28 जून 1921 को हुआ जबकि उनका निधन 23 दिसम्बर 2004 में हुआ. बता दें कि नरसिम्हा राव को हमेशा देश में किए गए आधुनिक आर्थिक सुधारों, लाइसेंस राज की समाप्ति के लिए जाना जाता है. 1991 में जब भारत को दुनिया के बाज़ार के लिए खोला गया, तो नरसिम्हा राव ही प्रधानमंत्री थे. वह 21 जून 1991 से लेकर 16 मई 1996 तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे. अगर पीवी नरसिम्हा राव की बात करें, तो उनका जन्म 28 जून 1921 को आंध्रप्रदेश(अविभाजित) में हुआ था. प्रधानमंत्री का पद संभालने से पहले वह आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे. 1991 में जब राजीव गांधी की हत्या हुई और कांग्रेस में नेतृत्व का संकट आया तो नरसिम्हा राव को ही पीएम चुना गया.उन्होंने ही मनमोहन सिंह को अपनी सरकार में वित्त मंत्री बनाया था. उनके कार्यकाल में ही भारत का बाजार दुनिया के लिए खुला था.

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