HIV दवा की कमी से जूझ रहा भारत, एक महीने से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे एड्स के मरीज
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे तब तक धरना जारी रखेंगे, जब तक भारत में सभी एचआईवी मरीजों को एक महीने की दवाएं मिलना शुरू नहीं हो जाती. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि एचआईवी से पीड़ित बच्चों के लिए कुछ निश्चित दवाइयां अनुपलब्ध हैं और अधिकतर मरीजों को मजबूरी में अन्य दवाएं लेनी पड़ रही हैं.
नई दिल्ली : भारत में बीते कई महीनों से यौन संक्रामक बीमारी एड्स की दवाओं की कमी बरकरार है. वक्त पर एड्स के मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही है. आलम यह कि भारत में एंटी-रेट्रोवायरल रेजीम (एआरवी) दवाओं की कथित कमी को लेकर ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) से संक्रमित मरीजों का एक ग्रुप पिछले एक महीने से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहा है. हालांकि, एड्स मरीजों के इस प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) ने इस संबंध में एक बैठक करने के बाद प्रदर्शनकारी मरीजों के ग्रुप को दवाओं की आपूर्ति का भरोसा दिया है.
दवाओं की कमी से लेनी पड़ रही दूसरी दवा
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे तब तक धरना जारी रखेंगे, जब तक भारत में सभी एचआईवी मरीजों को एक महीने की दवाएं मिलना शुरू नहीं हो जाती. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि एचआईवी से पीड़ित बच्चों के लिए कुछ निश्चित दवाइयां अनुपलब्ध हैं और अधिकतर मरीजों को मजबूरी में अन्य दवाएं लेनी पड़ रही हैं. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर अगले कुछ हफ्तों में दवाएं उपलब्ध नहीं होती हैं, तो इससे एचआईवी के मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानियां हो सकती हैं.
हवाई जहाज से पहुंचाई जा रहीं दवाएं
नाको के अधिकारियों ने दावा किया है कि दवाओं की नई खेप की आपूर्ति तेजी से की जा रही है और इन्हें तुरंत उन स्थानों पर हवाई मार्ग से पहुंचाया जाएगा, जहां इनकी सबसे अधिक जरूरत है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिस दिन से नाको के चंद्रलोक कार्यालय परिसर में धरना शुरू हुआ है, तभी से अधिकारी लगातार प्रदर्शनकारियों के संपर्क में हैं. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि गुरुवार की बैठक में नाको के निदेशक ने दो प्रतिनिधियों को एआरवी की ताजा आपूर्ति में महत्वपूर्ण सुधार का आश्वासन दिया, जिन्हें प्राथमिकता वाले स्थानों पर तेजी से और हवाई मार्ग से पहुंचाया जा रहा है. सूत्र ने बताया कि धरना हालांकि अभी तक खत्म नहीं किया गया है.
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही किया था आगाह
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने पहले ही आगाह किया था कि राज्य स्तर पर सभी एआरवी दवाओं का पर्याप्त भंडार है और कई दवाओं की अगली खेप की खरीद के लिए नए आपूर्ति आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा था कि एआरटी केंद्रों में कभी-कभी यह समस्या हो सकती है, लेकिन दवाओं को तुरंत पास के केंद्रों से भेज दिया जाता है. सरकार ने हाल ही में लोकसभा को बताया था कि भारत में एचआईवी से पीड़ित लगभग 95 फीसदी लोगों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एआरवी दवाओं का पर्याप्त भंडार है.