कोच्चि : लक्षद्वीप में भारतीय जनता पार्टी के प्रफुल्ल पटेल के नेतृत्व वाले नये प्रशासन द्वारा किये गये सुधारों की घोषणा के बाद जन आक्रोश फैल गया है. नयी नीतियों के कारण नये प्रशासक को भाजपा शासित प्रदेश के लोगों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य केरल के नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
लक्षद्वीप के प्रशासक का पदभार संभालने के बाद प्रफुल्ल पटेल ने नीतियों में बदलाव कर रहे हैं. नयी नीतियों को स्थानीय लोगों ने जनविरोधी करार दिया है, जिसमें बड़े पैमाने पर मछली पकड़नेवाली मुस्लिम आबादी है. साथ ही पड़ोसी राज्य केरल के नेताओं ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिख कर आपत्ति जतायी है.
नये सुधार के तहत असामाजिक गतिविधि नियमन विधेयक-2021 यानी गुंडा अधिनियम को द्वीप क्षेत्र में लागू करने का प्रस्ताव किया है. स्थानीय नागरिकों को डर है कि नये प्रस्ताव से बिना मुकदमे के गिरफ्तारी का मार्ग प्रशस्त होगा. शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि्र, पशुपालन और मत्स्य पालन से संबंधित स्थानीय प्रशासनिक शक्तियों को भी जिला पंचायत से सरकार ने अपने नियंत्रण में ले लिया है.
नये प्रस्ताव के मुताबिक, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शराब की बिक्री को एक ओर जहां मंजूरी दी गयी है, वहीं बीफ को बैन कर दिया गया है. मुस्लिम आबादी वाले इलाके में शराब बार की अनुमति देने और आंगनबाड़ी के बच्चों के मेन्यू से मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध का विरोध किया जा रहा है. साथ ही द्वीप और केरल के बेपोर बंदरगाह के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यापार संबंध को खत्म करते हुए सभी कार्गो को मैंगलोर भेज दिया है.
वहीं, पड़ोसी राज्य केरल के विधायक हिबी ईडन ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिख कर पर्यटन क्षेत्र में कई सरकारी अनुबंध कर्मियों को बर्खास्त किये जाने का मामला उठाया है. उन्होंने कहा है कि द्वीप में 70 हजार लोगों में से अधिकतर मछली पकड़ने और सरकारी सेवाओं पर निर्भर हैं. लेकिन, नये प्रशासन ने तटीय विनियमन क्षेत्र का उल्लंघन करते हुए मछुआरों की झोपड़ियों को ध्वस्त कर दिया.
इधर, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुागोपाल ने सोमवार को राष्ट्रपति को पत्र लिख कर वर्तमान प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को वापस बुलाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों की आशंकाओं के मद्देनजर नये प्रशासक की नीतियों को सत्तावादी कदम बताया है. हालांकि, केंद्र ने स्थानीय राजनेताओं से जुड़ी भ्रष्ट प्रथाओं को खत्म करने और विकास की शुरुआत करने के पटेल के प्रयासों को परिणामस्वरूप आलोचना करार दिया है.
The unilateral & anti-people policies of the administrator of UT Lakshadweep have created huge unrest and protest among the local population there. I write to Hon'ble Rashtrapathi ji to urgently intervene in this matter.#SaveLakshadweep pic.twitter.com/Z3OITwIeDu
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) May 24, 2021