नयी दिल्ली : भारत ने एक बार फिर से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर हमला बोला है. भारत ने कहा है कि यह बड़े अफसोस की बात है कि पुलवामा हमले (Pulwama Attack) के आरोपी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह का सरगना मसूद अजहर (Masood Azhar) पाकिस्तान में पनाह लिए हुए है. पाकिस्तान को सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रतिबंधित लोगों पर मुकदमे चलाये जाएं.
दाऊद इब्राहिम पर पाकिस्तान के रुख बदलने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि वह (पाकिस्तान) आतंकी संगठनों, प्रतिबंधित लोगों के खिलाफ कभी प्रामाणिक, सत्यापन योग्य कार्रवाई नहीं करता. उन्होंने कहा कि यह बड़े ही अफसोस की बात है कि कई आतंकी संगठनों के सरगना अभी भी पाकिस्तान में शरण लिए हुए हैं.
पुलवामा आतंकी हमले के मामले में जांच पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने पाकिस्तान के साथ पर्याप्त सबूत साझा किये हैं लेकिन वह जवाब देने से लगातार बच रहा है. बुधवार को ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने खुलासा किया कि पुलवामा आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जैश-ए- मोहम्मद (जेईएम) के प्रमुख मसूद अजहर के भतीजे मोहम्मद उमर फारूक के पाकिस्तान के बैंक खाते में दस लाख रुपये भेजे गये थे.
बता दें कि पिछले साल फरवरी में हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 कर्मी शहीद हो गये थे. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच में पता चला है कि फारूक के पाकिस्तान में अलायड बैंक और मेजान बैंक के तीन खातों में हमले से कुछ दिन पहले वहां की मुद्रा में दस लाख रुपये जमा कराये गये. वह आत्मघाती हमले का मुख्य आरोपी था जो बाद में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया.
उन्होंने कहा कि जेईएम आतंकवादी समूह के शीर्ष नेतृत्व ने जनवरी और फरवरी 2019 के बीच धन जमा कराया था. एनआईए ने जम्मू में मंगलवार को विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोप पत्र में कहा कि आतंकवादियों ने विस्फोटकों और हमले में प्रयुक्त मारुति इको कार को खरीदने में करीब छह लाख रुपये खर्च किये थे. उन्होंने कहा कि धन का बड़ा हिस्सा करीब दो लाख 80 हजार रुपये का इस्तेमाल अमोनियम नाइट्रेट सहित करीब 200 किलोग्राम विस्फोटकों की खरीदारी में की गयी और आईईडी से लदी कार को श्रीनगर में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले से टकरा दिया गया.
एनआईए ने आरोप पत्र में कहा गया है, ‘जांच से पता चलता है कि पुलवामा हमला सुनियोजित आपराधिक षड्यंत्र था जिसे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व ने रचा था. जेईएम के नेता अपने कैडर को प्रशिक्षण के लिए अफगानिस्तान में अल-कायदा- तालिबान- जेईएम और हक्कानी-जेईएम शिविरों में भेजते रहे हैं.’
एजेंसी ने कहा कि मुख्य आरोपी उमर फारूक को विस्फोटकों के लिए अफगानिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया. फारूक पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर था. एनआईए ने कहा, ‘आरोपी शाकिर बशीर, इंशा जान, पीर तारिक अहमद शाह और बिलाल अहमद कुचे ने सभी साजो-सामान मुहैया कराये और जेईएम के आतंकवादियों को अपने घरों में पनाह दी.’ बशीर ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा बलों की तैनाती एवं आवाजाही की कथित तौर पर रेकी की.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.