Loading election data...

पाकिस्तान से पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों की जानकारी मांगेगा भारत, भेजेगा ज्यूडिशियिल लेटर

पुलवामा हमले (Pulwama Attack) को लेकर भारत ने औपचारिक रुप से पाकिस्तान से हमंले में शामिल सात आंतकवादियों की जानकारी साझा करने के लिए कहा है. हमले की जांच को लेकर जानकारी रखने वाले सूत्रों से यह जानकारी मिली है. गौरतलब है कि पुलवामा में हुए आत्मघाती बम हमले में 40 भारतीय सैनिक मारे गए थे और दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति आ गयी थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2020 11:35 AM

पुलवामा हमले को लेकर भारत ने औपचारिक रुप से पाकिस्तान से हमंले में शामिल सात आंतकवादियों की जानकारी साझा करने के लिए कहा है. हमले की जांच को लेकर जानकारी रखने वाले सूत्रों से यह जानकारी मिली है. गौरतलब है कि पुलवामा में हुए आत्मघाती बम हमले में 40 भारतीय सैनिक मारे गए थे और दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति आ गयी थी.

राषट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इसके लिए एक औपचारिक न्यायिक अनुरोध या लेटर रोजेटरी तैयार किया है. इसके जरिये हमले में शामिल सात अपराधियों की जानकारी मांगी गयी है. जिनमें से चार पाकिस्तान के रहनेवाले हैं. पाकिस्तान में रहने वाले मौलाना मसूद अजहर, उनके भाइयों अब्दुल रऊफ असगर और इब्राहिम अतहर, और उनके चचेरे भाई अम्मार अल्वी के बारे में जानकारी मांगी गयी है.

बता दे कि हमले को अंजाम देने के लिए भारत आए तीन पाकिस्तानी, अतहर का बेटा उमर फारूक और कामरान पुलवामा हमले के बाद मुठभेड़ में मारे गये थे. जबकि गृह मंत्रालय के मुताबिक इस्माइल उर्फ ​​सैफुल्ला वर्तमान में में ठीक-ठाक हैं. साथ ही वो कश्मीर में छुप कर रह रहा है.

Also Read: India-China Clash Again : एक बार फिर भिड़े चीनी और भारतीय सैनिक ? VIDEO हो रहा है वायरल

बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय द्वारा एक महीने के अंदर इस दस्तावेज को अंतिम रूप दिया जायेगा. दस्तावेज तैयार करने के बाद कोर्ट से पाकिस्तान को न्यायिक अनुरोध भेजने की अनुमति मांगी जायेगी. एक अधिकारी ने बताया कि पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को भेजा जाने वाला यह पहला न्यायिक अनुरोध है.

भारत पाकिस्तान से अजहर, असगर, अतहर और अल्वी के ठिकाने के अलावा, उनके और अन्य लोगों के बीच व्हाट्सएप चैट, वॉयस नोट और वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) कॉल की जानकारी मांग रहा है जो पाकिस्तान से किये गये थे. वहीं एक अधिकारी ने बताया कि अधिकारी ने कहा कि उमर फारूक के फोन से बरामद तस्वीरों और वीडियो में पुलवामा हमले की तैयारी के अलग-अलग फेज को दिखाया गया है.

बता दें कि फारूक को अप्रैल 2018 में 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा हमले की निगरानी के लिए में भारत भेजा गया था. जिसने 12 दिन बाद पाकिस्तान के अंदर एक जैश आतंकी शिविर के खिलाफ भारतीय वायु सेना (IAF) कार्रवाई शुरू की थी.

अपने आधिकारिक अनुरोध में, भारत सरकार फारूक के फोन से निकाले गए जीपीएस स्थानों की जानकारी के साथ-साथ पाकिस्तान में मीज़ान बैंक और एलाइड बैंक में उसके खातों में किए गए 10 लाख रुपये के भुगतान का विवरण की भी जानकारी मांगी है. एनआईए की जांच के दौरान इसे पाया गया था.

Posted By: Pawan Singh

Next Article

Exit mobile version