नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के लेथपोरा इलाके में आज ही के दिन सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की दूसरी बरसी देश मना रहा है. इस मौके पर देश के लोगों की आंखें नम हैं. वहीं, कई संगठनों ने शाम को कैंडल मार्च के जरिये शहीदों को श्रद्धांजलि देने का एलान किया है.
मालूम हो कि साल 2019 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी थी. इस हमले में करीब 39 जवान शहीद हो गये थे. कई जवान घायल हो गये थे. आज देश पुलवामा आतंकी हमले की दूसरी बरसी मना रहा है. देश की कई राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ नये कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने भी शाम में सात बजे कैंडल मार्च निकालने की अपील की है.
पुलवामा आतंकी हमले की दूसरी बरसी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि ”मैं उन बहादुर शहीदों को नमन करता हूं, जिन्होंने 2019 में आज के दिन पुलवामा हमले में अपनी जान गंवाई. भारत उनके असाधारण साहस और सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा.” वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2019 पुलवामा आतंकी हमले में जान गंवाने वाले सीआरपीएफ जवानों को को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा है कि ”राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और उनके सर्वोच्च बलिदान को भारत कभी नहीं भूलेगा.” साथ ही कहा कि हम उनके परिवारों के साथ खड़े रहना चाहते हैं, जिन्हें इस हमले का खामियाजा भुगतना पड़ा.”
I bow down to the brave martyrs who lost their lives in the gruesome Pulwama attack on this day in 2019.
India will never forget their exceptional courage and supreme sacrifice.
— Amit Shah (@AmitShah) February 14, 2021
I pay homage to those brave @crpfindia personnel who sacrificed their lives in 2019 Pulwama terror attack.
India will never forget their service to the nation and their supreme sacrifice. We continue to stand with their families, who had to suffer due to this attack.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 14, 2021
जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के लेथपोरा इलाके में आतंकियों के हमले का धमाका इतना तेज था कि सेना की गाड़ी के परखचे उड़ गये. कई जवानों ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया. सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से आतंकी आदिल अहमद डार का फोटो जारी कर हमले का जिम्मेदार बताया. बताया जाता है कि हमले की साजिश उरी हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर ने रची थी. हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के अफजल गुरु स्क्वॉड का नाम सामने आया था.
घटना के कहा जाने लगा कि आतंकियों को सुरक्षाबलों के काफिले के गुजरने की खबर पहले से थी. हमले में एक आतंकी ने वैसी गाड़ी का इस्तेमाल किया, जिसमें विस्फोटक रखे थे. हमला दोपहर बाद 3:30 बजे हुआ. इस काफिले में 78 गाड़ियां शामिल थीं. काफिले में बस, ट्रक और एसयूवी गाडियां थीं. सीआरपीएफ के मुताबिक आत्मघाती हमले का शिकार 76बीएन सीआरपीएफ की बस हुई, जिसमें 44 जवान सवार थे.
भारतीय वायु सेना ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के खिलाफ किये गये ऑपरेशन का कोडनेम ‘ऑपरेशन बंदर’ था. माना जाता है कि रामायण के पात्र ‘हनुमान’ के नाम पर ऑपरेशन का नाम ‘बंदर’ रखा गया था. जैसे हनुमान ने लंका में घुस कर रावण की लंका जला कर तबाह कर दी थी. वैसे ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुस कर आतंकी ठिकानों पर बम फोड़े थे.
पाकिस्तानियों ने विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ लिया. हालांकि, भारत के दबाव के आगे पाकिस्तान को झुकना पड़ा और विंग कमांडर अभिनंदन को ससम्मान रिहा करना पड़ा था. वायु सेना ने 12 मिराज-2000 फाइटर जेट हमले के लिए बालाकोट भेजा था. हमले में जैश के आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 250 से अधिक आतंकी हमले में मारे गये थे.