पंजाब: ऑपरेशन लोटस के खिलाफ ‘आप’ विधायकों ने खोला मोर्चा, राज्यपाल कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन में राज्य का कोई मंत्री नहीं शामिल हुआ. विधायकों ने राज्य विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का फैसला राज्यपाल द्वारा वापस लिए जाने के लिए उनकी आलोचना की.
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का फैसला वापस लिए जाने के विरोध में गुरुवार को मार्च निकाला. विधायक लोकतंत्र की हत्या बंद करो और ऑपरेशन लोटस मुर्दाबाद जैसे नारे वाली तख्तियां हाथ में लिए हुए थे. पार्टी ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर एक साथ मिले होने तथा राज्य में विधानसभा का विशेष सत्र नहीं होने देने के लिए मिल कर काम करने का आरोप लगाया. वहीं, विधायकों को राज्यपाल के आवास की ओर बढ़ने से रोक दिया गया.
#OperationLotus ਮੁਰਦਾਬਾਦ-ਮੁਰਦਾਬਾਦ pic.twitter.com/1lfZ1rbKwb
— AAP Punjab (@AAPPunjab) September 22, 2022
राज्यपाल कार्यालय के बाहर विधायकों ने किया प्रदर्शन
पुलिस ने विधानसभा परिसर से एक किलोमीटर के दायरे में अवरोधक लगा दिए थे. प्रदर्शन कर रहे विधायक रोके जाने पर उसी स्थान पर बैठ गए और उन्होंने कांग्रेस तथा भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की. इस विरोध प्रदर्शन में राज्य का कोई मंत्री नहीं शामिल हुआ. विधायकों ने राज्य विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का फैसला राज्यपाल द्वारा वापस लिए जाने के लिए उनकी आलोचना की.
विधायकों ने BJP पर लगाया आरोप
विधायक गुरुमीत सिंह खुदियान ने कहा, विशेष सत्र नहीं बुलाना सरासर अन्याय है. राज्य सरकार विधानसभा का सत्र बुला सकती है. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने शीर्ष स्तर से निर्देश मिलने पर सत्र को रद्द करने का निर्णय लिया. भाजपा गलत कर रही है और लोकतंत्र खतरे में है. मोगा से विधायक अमनदीप कौर ने कहा कि पहले सत्र आहूत करने की अनुमति दी गई लेकिन बाद में राज्यपाल ने इसे रद्द कर दिया गया.
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BJP और कांग्रेस ने भी नियमों का दिया था हवाला
गौरतलब है कि पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने विश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने की आप सरकार की योजना को बुधवार को विफल कर दिया था. राज्यपाल ने गुरुवार को विशेष सत्र आहूत करने के पिछले आदेश को वापस लेते हुए कहा कि कांग्रेस और भाजपा ने राजभवन से संपर्क कर कहा था कि सदन के नियमों के अनुसार इसकी अनुमति नहीं है. राज्यपाल के अनुसार, इसके बाद कानूनी राय मांगी गई और सत्र आयोजित करने का फैसला वापस ले लिय गया है.