Punjab admits in SC: पंजाब में तेजी से बढ़ रहे अवैध शराब के कारोबार एवं नशीले पदार्थों की तस्करी पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि इस बुराई से युवा खत्म हो जाएंगे. कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वह चौकसी बरतने में विफल रहने को लेकर स्थानीय पुलिस की जवाबदेही तय करे.
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने पंजाब सरकार से अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए विशिष्ट कदमों के बारे में बताने को कहा. पंजाब सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार सिन्हा ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि राज्य कार्रवाई कर रहा है और अवैध शराब की 13 हजार से अधिक भट्टियों को नष्ट कर चुका है.
पीठ ने कहा कि जहां तक पंजाब का संबंध है, मादक पदार्थों की समस्या बढ़ रही है. युवा समाप्त हो जाएंगे. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह हो रहा है। पीड़ित कौन है? गरीब लोग. अवैध शराब के निर्माण और परिवहन को रोकना होगा. क्योंकि, अंततः इससे स्वास्थ्य और समाज प्रभावित होता है. कहा गया कि अगर कोई देश को खत्म करना चाहता है और विशेष रूप से सीमावर्ती राज्य से तो वे सीमाओं से शुरू करेंगे. देश को बचाने के लिए हर अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए. अपनी सरकार को बहुत गंभीर होने के लिए कहें. उसे देश को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास करना होगा. देश के युवाओं को बर्बाद करना बहुत आसान है.
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सितंबर 2020 के एक आदेश से उत्पन्न एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नकली शराब बनाए जाने, इसकी बिक्री और अंतरराज्यीय तस्करी के संबंध में पंजाब में दर्ज कुछ प्राथमिकियों को सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका का निस्तारण किया गया था. हाई कोर्ट ने राज्य के वकील के इस आश्वासन के बाद याचिका का निस्तारण किया था कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाई गई चिंताओं का विधिवत निपटारा किया जाएगा और उपयुक्त कार्रवाई शुरू की जाएगी. सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछले दो वर्षों में 36 हजार से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 12 दिसंबर की तारीख निर्धारित की.