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पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को बड़ी राहत, सभी मामलों में जांच पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ सभी मामलों में जांच पर रोक लगा दी है. इससे पहले पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी द्वारा उनके पूरे सेवा काल में दर्ज किसी भी केस में गिरफ्तारी से सात दिन पहले नोटिस देने का निर्देश जारी करने की अपील पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2021 8:17 PM

Punjab News पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ सभी मामलों में जांच पर रोक लगा दी है. इससे पहले पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी द्वारा उनके पूरे सेवा काल में दर्ज किसी भी केस में गिरफ्तारी से सात दिन पहले नोटिस देने का निर्देश जारी करने की अपील पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों तक सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ उन सभी मामलों में उनकी गिरफ्तारी पर स्पष्ट रोक लगाने का आदेश दिया जो लंबित हैं या जिनके दर्ज होने की संभावना है. साथ ही हाई कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ लंबित सभी एफआइआर की जांच पर आगे की कार्रवाई पर भी पूरी तरह रोक रहेगी.

पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पंजाब सरकार उन्हें राजनीतिक रंजिश के तहत फंसाना चाहती है. आगामी विधानसभा चुनावों में फायदा लेने के लिए ही यह सब किया जा रहा है और इसके लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है. यहां तक हाई कोर्ट द्वारा मिली अंतरिम जमानत के बावजूद जब वह 18 अगस्त को मोहाली विजिलेंस आफिस पहुंचे थे तो उन्हें इसी कारण से गिरफ्तार कर लिया गया था. सैनी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनकी यह गिरफ्तारी अवैध है क्योंकि उन्हें अंतरिम जमानत मिल चुकी है. सैनी ने कहा कि उनके खिलाफ कई केस दायर कर दिए गए हैं.

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने सुमेध सिंह सैनी की इन सभी दलीलों को मानते हुए ही पंजाब पुलिस को आदेश दे दिए हैं कि वह फरवरी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों तक उनके खिलाफ दर्ज और आगे दर्ज किए जाने वाले किसी भी केस में उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती है और न ही इन मामलों की आगे जांच कर सकती है. सिर्फ मटौर थाने में दर्ज केस को छोड़कर, क्योंकि वह केस सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.

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