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मुख्तार अंसारी के मामले में पंजाब और यूपी की सरकार आमने-सामने.
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स्थानांतरण पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में गर्मागर्म बहस.
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पंजाब सरकार ने यूपी सरकार के दावे को खारिज किया.
नयी दिल्ली : पंजाब सरकार (Punjab Government) और गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से कहा कि योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार को उन्हें रूपनगर जेल से उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में स्थानांतरित करने की मांग करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है. उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर पंजाब सरकार और रूपनगर जेल प्राधिकरण को निर्देश देने की मांग की कि मऊ के विधायक अंसारी की हिरासत जल्द से जल्द जिला जेल बांदा को सौंपी जाए.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर एस रेड्डी की पीठ ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश सरकार और अंसारी की याचिका पर फैसला सुनायेगी. अंसारी ने अपने खिलाफ मामलों को उत्तर प्रदेश के बाहर स्थानांतरित करने की मांग की है. सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने जेल नियमों का हवाला दिया और कहा कि भले ही राज्य के पास मौलिक अधिकार नहीं है, लेकिन वह मुद्दे और पीड़ितों के अधिकारों का समर्थन कर सकता है और पीड़ित की भूमिका ले सकता है.
उन्होंने कहा कि यह कहना कि राज्य के पास मूलभूत अधिकार नहीं हैं, गलत है क्योंकि राज्य हमेशा पीड़ित और समाज की भूमिका का निर्वहन कर सकता है. मेहता ने कहा कि अंसारी ने जेल नियमों का उल्लंघन किया और पीड़ितों के अधिकार तथा राज्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई बाधित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
अंसारी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि विपक्ष की एक पार्टी से जुड़े होने के कारण उसको निशाना बनाया जा रहा है. रोहतगी ने कहा कि अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न अदालतों में पेश हो रहे हैं और ‘बकवास तर्क’ दिये जा रहे हैं कि सुनवाई बाधित हो रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं उत्तर प्रदेश से बाहर मामलों को स्थानांतरित करने का अनुरोध करता हूं. राज्य में राजनीतिक बदले की भावना के कारण उसे दिल्ली स्थानांतरित किया जा सकता है.’
पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अंसारी के खिलाफ पिछले 14-15 वर्षों से आपराधिक सुनवाई चल रही है और उत्तर प्रदेश की रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाए. अंसारी उगाही के एक कथित मामले में जनवरी 2019 से ही पंजाब के रूपनगर जिला जेल में बंद है. वह उत्तर प्रदेश में कई गंभीर आपराधिक मामलों में भी आरोपी हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.