Punjab Assembly Elections 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव करीब आ गए हैं, लेकिन पंजाब कांग्रेस का कंफ्यूजन अब तक खत्म नहीं हो पाया है. अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू लगातार खुद को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश कर रहे हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अपना 13 सूत्रीय एजेंडा भी पेश कर दिया है. पंजाब की खराब होती अर्थव्यवस्था को भी उबराने का वादा कर डाला है. वहीं, मीडिया रिपोट्स के अनुसार पिछले दिनों पार्टी आलाकमान ने पंजाब के नेताओं से कहा था कि वह चुनाव से पहले सीएम उम्मीदवार की घोषणा नहीं करेंगे.
खबरों की मानें तो कांग्रेस आलाकमान ने यह स्पष्ट तौर पर कहा है कि पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में कोई एक चेहरा भले न हो लेकिन यह चुनाव कांग्रेस का दलित चेहरा और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पीपीसीसी प्रमुख और कांग्रेस का जाट चेहरा के अलावा पीपीसीसी के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ के संयुक्त अगुवाई में लड़ा जाएगा. इस बीच पार्टी को आंतरिक कलह को उजागर करते हुए पीपीसीसी प्रमुख सिद्धू ने पिछले दिनों बटाला रैली में पूर्व विधायक अश्विनी सेखरी को बटाला से कांग्रेस का उम्मीदवार घोषित कर दिया है. जबकि पार्टी की तरफ से अब तक उम्मीदवारों की कोई भी सूची जारी नहीं की गई है. वहीं, कांग्रेस की संभावित सूची में सिद्धू के घोषित उम्मीदवार का नाम अगर होता भी है तो भी राजिंदर बाजवा को झटका लगेगा क्योंकि उनकी नजर इस सीट पर है.
वहीं, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी संभावित उम्मीदवारों को उनके निर्वाचन क्षेत्रों में अनुदान के आवंटन करने की अनुमति दे दी है. इससे जो दूसरे उम्मीदवार है जिनकी नजर टिकट पर बनी हुई है, उन्हें निराशा हो सकती है. दरअसल पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की गई है. ऐसे में अनुदान वितरित करने की अनुमति देना असमंजस की स्थिति दिखाता है. वहीं, पंजाब कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम इस बात से हैरान हैं कि क्या आलाकमान चन्नी को सीएम चेहरे के रूप में पेश करने के लिए उत्सुक हैं या फिर सिद्धू को.