नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में सियासी भूचाल, रजिया सुलताना समेत इन्होंने छोड़ा पद
पंजाब कांग्रेस चीफ के पद से अपना इस्तीफा देकर नवजोत सिंह सिद्धू ने सभी को चौंका दिया है. नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में सियासी भूचाल आ गया है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद गौतम सेठ ने पंजाब कांग्रेस के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है.
Punjab Congress Crisis पंजाब कांग्रेस चीफ के पद से मंगलवार को अपना इस्तीफा देकर नवजोत सिंह सिद्धू ने सभी को चौंका दिया है. नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस में सियासी भूचाल आ गया है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद गौतम सेठ ने पंजाब कांग्रेस के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, योगिंदर ढींगरा ने भी पंजाब कांग्रेस के महासचिव पद से इस्तीफा दिया है. इससे पूर्व सिद्धू के इस्तीफ के कुछ ही घंटों बाद चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई वाली पंजाब सरकार से एक और मंत्री रजिया सुल्ताना ने सिद्धू के साथ एकजुटता दिखाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया.
इन सबके बीच, मीडिया रिपोर्ट में कांग्रेस सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. शीर्ष नेतृत्व ने राज्य नेतृत्व से पहले अपने स्तर पर मामले को सुलझाने को कहा है. बताया जा रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के मतभेद इतने बढ़ गये कि सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ गया. अब दबाव इस कदर बढ़ रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू के समर्थन में मंत्री भी इस्तीफे देने लगे हैं. वहीं, पंजाब कांग्रेस विधायक परगट सिंह आज दोपहर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू के आवास पहुंचे.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि हम नवजोत सिंह सिद्धू से अनुरोध करेंगे कि वो अपना इस्तीफा वापस लें. इसके साथ ही हम पार्टी हाईकमान से उम्मीद करते हैं कि एक अच्छा नेता हमें पंजाब में मिला है,आप इनकी शिकायतों का निवारण करें. उल्लेखनीय है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पार्टी को झटका दिया, जो पहले ही आंतरिक कलह से जूझ रही है. नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि वह पार्टी की सेवा करते रहेंगे. क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने यह नहीं बताया कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया.
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