नवजोत सिंह सिद्धू और प्रियंका गांधी की मुस्कुराहट भरी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है. इस मुस्कुराहत के कई मायने हैं ? क्या पंजाब में कांग्रेस का विवाद खत्म हो रहा है ? इस तस्वीर के पीछे दोनों नेताओं के साथ हुई लंबी बातचीत में क्या हल निकला ? इन सारे सवालों के जवाब कायसों में, सूत्रों के हवाले से ही मिल रहे हैं.
Had a long meeting with @priyankagandhi Ji 🙏🏼 pic.twitter.com/Wd4FYXFrhr
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) June 30, 2021
पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान कम होता नजर नहीं आ रहा है. पंजाब के बागी नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी से मुलाकात की है. इस मुलाकात में उन्होंने पंजाब की मौजूदा हालात से उन्हें अवगत कराया है और अपनी बात रखी है. इस मुलाकात के कई मायने हैं.
कांग्रेस की तीन सदस्यों की कमेटी ने पंजाब में जारी विवाद को खत्म करने की रणनीति तैयार की है. पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी इस संबंध में कमेटी ने सुझाव दिया है. सूत्रों की मानें तो नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच के विवाद को खत्म करने की रणनीति तैयार है. पार्टी सिद्धू को कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है और इन दो गुटों के बीच के विवाद को खत्म करने की तरफ बढ़ सकती है.
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प्रियंका गांधी के साथ हुई बातचीत की जानकारी देते हुए सिद्धू ने भी संकेत दिये हैं कि विवाद हल हो सकता है. उन्होंने मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, लंबी बातचीत हुई, इस बातचीत में क्या हल निकला है इस पर तो अबतक कोई जानकारी नहीं है.
सिद्धू के साथ प्रियंका की तस्वीर राजनीतिक गलियारों में सुर्खियां बटोर रहे हैं, चर्चा है कि पंजाब कांग्रेस में बड़ा बदलाव संभव है. दूसरी तरफ यह भी चर्चा राहुल गांधी के नाराजगी के भी लग रहे हैं, जिनकी सिद्धू से मुलाकात नहीं हो पाई है. प्रियंका ने सिद्धू से मुलाकात के बाद सोनिया और राहुल गांधी से भी मुलाकात की है.
नवजोत सिंह सिद्धू लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमले कर रहे हैं, ऐसे में सोनिया गांधी के साथ उनकी लंबी बातचीत और मुस्कुराहत से भरी तस्वीर सामने आना कई तरह के संकेत दे रहा है जिसे कांग्रेस की राजनीति पर कड़ी नजर रखने वाले सिद्धू के लिए बेहतर संकेत बता रहे हैं.
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कांग्रेस किसी भी हाल में सिद्धू को अपनी पार्टी से खोना नहीं चाहती, दूसरी तरफ कैप्टरन अमरिंदर सिंह है. दोनों को साथ लेकर चलना पार्टी के लिए कितना आसान होगा यह सिद्धू पर होने वाला फैसला तय करेगा. दूसरी तरफ पंजाब में आम आदमी पार्टी अपनी रणनीति तैयार कर रही है. चर्चा तो यह भी है कि अगर सिद्धू की कांग्रेस के साथ नहीं जमी तो वह अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी के साथ खड़े हो सकते हैं.