पंजाब कांग्रेस में कलह के बीच हरीश रावत से मिले नवजोत सिंह सिद्धू, सुधरेंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह से रिश्ते!

Punjab Congress पंजाब कांग्रेस में जारी अंदरूनी कलह कम होता नहीं दिख रहा है. कांग्रेस आलाकमान की ओर से पंजाब इकाई की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को सौंपने के बाद से पार्टी में जारी खींचतान फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है. इस बीच, पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिंह सिद्धू आज प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2021 9:41 PM

Punjab Congress पंजाब कांग्रेस में जारी अंदरूनी कलह कम होता नहीं दिख रहा है. कांग्रेस आलाकमान की ओर से पंजाब इकाई की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को सौंपने के बाद से पार्टी में जारी खींचतान फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है. इस बीच, पंजाब कांग्रेस के चीफ नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को प्रभारी हरीश रावत से चंडीगढ़ में मुलाकात की है. इस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू के साथ कार्यकारी अध्यक्ष पवन गोयल, कुलजीत सिंह नागरा और पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह भी मौजूद थे.

जानकारी के मुताबिक, नवजोत सिंह सिद्धू और हरीश रावत के बीच मुलाकात के दौरान अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों के बीच अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस की राजनीति और रणनीति पर भी बातचीत हुई. बता दें कि पंजाब कांग्रेस की कमान संभालने के बाद से नवजोत सिंह सिद्धू लगातार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमलावर है और सरकार के खिलाफ बयानबाजी से चूकते नहीं दिख रहे हैं. वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कई मौकों पर नवजोत सिंह सिद्धू को निशाने पर लेते दिख जाते है. कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इस बात की चिंता सताने लगी है कि कहीं इन दोनों प्रमुख नेताओं के रवैये से पंजाब में पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है.

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने मंगलवार को कहा कि पार्टी में थोड़ा बहुत विवाद है. इस वजह से उन्हें चंडीगढ़ आना पड़ा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई ग्रुप नहीं है और राज्य के भीतर कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट है. हरीश रावत ने कहा कि जल्द ही सभी पक्षों से मुलाकात कर उनकी बातें सुनी जाएंगी और सभी के राय को गंभीरता से लिया जाएगा.

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह ग्रुप के बीच बढ़ती कड़वाहड़ पर अब हरीश रावत लगाम लगाने की कोशिशों में जुटे हैं. हरीश रावत ने इस बारे में इशारा किया कि अगर इस यात्रा में राज्य के नेताओं में सुलह नहीं बन पा रही है, तो वे सभी पक्षों से मुलाकात के बाद एक साथ नेताओं को बैठाकर भी एक टेबल पर बातचीत करेंगे. साफ है, कैप्टन अमरिंदर और नवजोत सिंह सिद्धू एक-दूसरे के खिलाफ हमला बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं, जो पार्टी के लि चिंता का विषय बना हुआ है.

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