पंजाब कांग्रेस में जारी कलह को दूर करने की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता पंजाब के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपनी बात पार्टी के प्रमुख नेताओं के सामने सकेंगे.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हिस्सा ले सकते हैं. जिस पैनल के सामने यह बात रखी उसमें हरीश रावत मल्लिकार्जुन खड़गे और जेपी अग्रवाल शामिल हैं. इस समिति का गठन इस उद्देश्य के साथ किया गया है कि पंजाब में पार्टी के अंदर की कलह खत्म हो जाये.
नवजोत सिंह सिद्धू पहले ही इस कमेटी के सामने अपनी बात रख चुके हैं. सिद्धू के साथ इस कमेटी की लंबी बैठक चली थी. कैप्टन के खिलाफ खुलकर अपनी बात रखने वाले सिद्धू कई बार मीडिया के सामने भी अपनी बेबाक राय रख चुके हैं. सुर्खियों में भले ही सिर्फ सिद्धू रहें लेकिन विधायक परगट सिंह समेत कई दूसरे नेताओं ने भी सीएम का विरोध पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने दर्ज किया है. कैप्टन के खिलाफ पार्टी के कई नेता गुटबाजी कर रहे हैं.
पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं. राज्य के साथ- साथ केंद्र के कई मामले भी इस बार विधानसभा का अहम मुद्दा बनेंगे. कांग्रेस के नेताओं का यह भी आरोप है कि कई वादे पूरे नहीं किये गये, ऐसे में चुनावी मैदान में परेशान हो सकती है. कैप्टन पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने गृहमंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी संभाली लेकिन सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की.
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एक तरफ सीएम के खिलाफ घेराबंदी हो रही है दूसरी तरफ पार्टी कलह खत्म करके सभी को मजबूती के साथ चुनावी तैयारी में भेजना चाहती है. इस कमेटी के साथ हुई बाचतीत के बाद पार्टी के फैसले पर सभी नेताओं की जरूरत होगी. पार्टी अगर इस अंदर की लड़ाई में विजयी होता है तो आने वाले पंजाब के चुनाव में उसकी दावेदारी और मजबूत साबित हो सकती है.