पंजाब के बड़े दलित नेता जोगिंदर मान ने आखिर क्यों तोड़ा कांग्रेस से 50 साल पुराना रिश्ता? ये थी वजह
पंजाब कांग्रेस के बड़े दलित नेता जोगिंदर मान ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने 50 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद पार्टी छोड़ दी है. जोगिंदर मान ने सोनिया गांधी को एक खत लिखा है जिसमें पार्टी से इस्तीफा देने की वजह बताई है.
Punjab Assembly Elections: पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. अब हर राजनीतिक दल अपने कुनबे को मजबूत करने में जुटा है. टिकट बंटवारे पर हो हंगामा भी लगातार जारी है. इस बीच पहले से ही पार्टी मेंअंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है. दरअसल राज्य में कांग्रेस के बड़े दलित चेहरा रहे जोगिंदर मान(Punjab Congress, Joginder Mann) ने आज यानी शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. 50 साल तक कांग्रेस में रहने के बाद अचानक उन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया. इसके अलावा पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन के अध्यक्ष पद से भी त्यागपत्र दे दिया है.
जोगिंदर मान के अचानक पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में बड़ा नुकसान हो सकता है. बता दें कि वह फगवाड़ा से तीन बार विधायक भी रह चुके हैं. वहीं. कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वो केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर जोगिंदर मान ने कांग्रेस से इतना पुराना रिश्ता क्यों तोड़ दिया?
ये थी वजह: दरअसल कांग्रेस के बड़े दलित चेहरा रहे जोगिंदर मान ने सोनिया गांधी को एक खत लिखा है जिसमें उन्होंने पार्टी छोड़ने की वजह बताई है. खत में उन्होंने लिखा कि मेरा सपना था कि मेरे मरने पर कांग्रेस के तीन रंगों वाला झंडा मेरे शव पर हो, लेकिन आज मैं कांग्रेस छोड़ रहा हूं. इसकी वजह है पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में गड़बड़ी. सरकार इसमें गड़बड़ी करने वालों को संरक्षण दे रही है. उन्होंने लिखा कि अब मेरी अंतरात्मा नहीं कहती कि मुझे कांग्रेस में रहना चाहिए. खत में उन्होंने कांग्रेस में शामिल हो रहे नए नेताओं को भी निशाने पर लिया. उन्होने लिखा कि कुछ अवसरवादी नेता अपने हितों को साधने के लिए पार्टी ज्वाइंन कर रहे हैं. इतना ही नहीं, पार्टी अब अपने मूल्यों से भी भटक गई है.
जोगिंदर मान ने अपने खत में दलित छात्रों और फगवाड़ा को लेकर अपनी पुरानी मांगों को भी दोहराया. उन्होंने लिखा कि पिछले कुछ महीनों से मैं रातों को सो नहीं पा रहा हूं. मेरी चिंता उन लाखों दलित छात्रों को लेकर है जिनके हक की स्कॉलरशिप उन्हें नहीं मिल पा ही है. फगवाड़ा को जिला का दर्ज देने की अपनी मांग को दोहराते हुए उन्होंने लिखा कि फगवाड़ा के लोगों को किसी भी प्रशासनिक काम के लिए करीब 40 किलोमीटर लंबा सफर कर कपुरथला आना पड़ता है. उन्होंने लिखा कि मेरे बार-बार दोहराने के बावजूद भी इन पर अबतक कोई काम नहीं हुआ है.