पंजाब के किसानों ने रेलवे ट्रैक को पूरी तरह कर दिया खाली, 20 दिसंबर को शुरू किया गया था रेल रोको आंदोलन

किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के बैनर तले किसानों ने 20 दिसंबर को विभिन्न स्थानों पर 'रेल रोको' आंदोलन शुरू किया था, जिससे कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 29, 2021 3:23 PM
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चंडीगढ़ : पंजाब में 20 दिसंबर से ‘रेल रोको’ आंदोलन कर रहे किसानों ने बुधवार को रेलवे ट्रैक को पूरी तरह खाली कर दिया है. रेल रोको आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ एक बैठक होने के बाद यह फैसला किया गया है. किसान कृषि ऋण पूरी तरह माफ करने, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजा देने तथा उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की मांग कर रहे थे.

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में विभिन्न स्थानों पर किसानों ने ट्रेन की पटरियों से अवरोध हटाकर उन्हें पूरी तरह से खाली कर दिया. किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ एक बैठक करने के बाद ट्रेन की पटरियों को खाली करने का फैसला किया.

बता दें कि किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के बैनर तले किसानों ने 20 दिसंबर को विभिन्न स्थानों पर ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू किया था, जिससे कई ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई और यात्रियों को असुविधा हुई थी. प्रदर्शनकारी किसान कृषि ऋण पूरी तरह से माफ करने, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को मुआवजा देने तथा उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की मांग कर रहे थे.

केएमएससी के साथ चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने उन बासमती उत्पादकों को 17 हजार रुपये प्रति एकड़ की सहायता देने का फैसला किया, जिनकी फसल पिछले खरीफ सीजन के दौरान ओलावृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थी. मुख्यमंत्री चन्नी के आश्वासन के बाद केएमएससी ने ‘रेल रोको’ आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की है.

केएमएससी के राज्य महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद अपने ‘रेल रोको’ आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया है. पंढेर ने कहा कि उनकी मांगों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री के साथ अगले दौर की बैठक चार जनवरी को होगी.

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प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू के नेतृत्व में केएमएससी के प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा के दौरान, चन्नी ने उनसे आंदोलन का रास्ता छोड़ने का आग्रह किया. किसानों ने तरनतारन, अमृतसर, होशियारपुर, फजिलका, मोगा और जालंधर छावनी में ट्रेन की पटरियों को जाम किया हुआ था.

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