Punjab: गंदे बेड पर Vc को लिटाकर विवादों में घिरे स्वास्थ्य मंत्री, IMA ने की माफी और इस्तीफे की मांग

Punjab: बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति को अस्पताल के गंदे बेड पर लेटने के लिए मजबूर करने के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री से उनके दुर्व्यवहार के लिए तत्काल बिना शर्त माफी और इस्तीफे की मांग की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2022 4:13 PM

Punjab: पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (BFUHS) के कुलपति को अस्पताल के गंदे बेड पर लेटने के लिए मजबूर करने के चलते विवादों में घिर गए हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री से उनके दुर्व्यवहार के लिए तत्काल बिना शर्त माफी और इस्तीफे की मांग की है. आईएमए ने पंजाब के मुख्यमंत्री से तुरंत हस्तक्षेप करने और मंत्री के खिलाफ तुरंत आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की है.

इस घटना से आहत होकर कुलपति राज बहादुर ने दिया इस्तीफा

वहीं, इससे पहले कुलपति राज बहादुर ने इस घटना से आहत होकर इस्तीफा दे दिया है और मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि उन्हें सेवा से मुक्त किया जाए. मालूम हो कि इस घटना को लेकर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री की आलोचना हो रही है. आईएमए ने स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई अपमानजनक कार्रवाई की निंदा करते हुए पंजाब में कुलपति के साथ हुई घटना पर दुख जताया है. आईएमए अध्यक्ष डॉ. परमजीत मान ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने वीसी को बेड पर लेटने के लिए मजबूर कर उनका अपमान किया है. वीसी के प्रति मंत्री का अपमानजनक व्यवहार विशेष रूप से महान पेशे और सामान्य रूप से समाज पर एक अभिशाप से कम नहीं है.


जानें पूरा मामला

शुक्रवार को पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह ने जौड़ामाजरा बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया. इस दौरान स्किन वार्ड के फटे व गंदे गद्दे देख वह भड़क गए. उन्होंने पास खड़े यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. राज बहादुर का हाथ पकड़कर बेड पर लिटा दिया और कहा कि आप भी इस गंदगी का अहसास करें. मंत्री ने कहा कि यह चमड़ी रोग वार्ड है और आप जानते हैं त्वचा रोगों में सफाई की कितनी जरूरत होती है. इस पर वीसी ने कहा कि फंड की कमी की वजह से बेड और बिस्तर का प्रबंध नहीं हो सका. स्वास्थ्य मंत्री ने फिर कहा कि आप यहां के अधिकारी हैं. आप व्यवस्था को सुधार सकते थे. जो भी आपके पास है, उसकी तो साफ-सफाई करवा सकते थे.

Also Read: ADR की रिपोर्ट में खुलासा, वित्त वर्ष 2020-21 में कुल चंदे का 91 फीसदी सिर्फ 5 क्षेत्रीय दलों को मिला

Next Article

Exit mobile version