लॉकडाउन में खो दी नौकरी, यूट्यूब से मिला आइडिया, सिगरेट के कचरे से बनाते है खिलौने और कुशन
Innovation कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए बीते वर्ष देश भर में लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान अपनी नौकरी खो देने के बाद ट्विंकल कुमार ने यूट्यूब पर वीडियो देखना शुरू कर दिया. जहां सिगरेट रीसाइक्लिंग की अवधारणा ने उन्हें आकर्षित किया.
Innovation कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए बीते वर्ष देश भर में लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान अपनी नौकरी खो देने के बाद ट्विंकल कुमार ने यूट्यूब पर वीडियो देखना शुरू कर दिया. जहां सिगरेट रीसाइक्लिंग की अवधारणा ने उन्हें आकर्षित किया. यहां से मिले आइडिया से न सिर्फ उनकी आर्थिक तंगी दूर हुई, बल्कि वे अपनी अलग पहचान बनाने में भी कामयाब हुए.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में मोहाली के उद्यमी ट्विंकल कुमार ने बताया कि जब मैंने लॉकडाउन में अपनी नौकरी खो दी, तो मैंने यूट्यूब पर वीडियो देखना शुरू कर दिया. यहां उन्हें सिगरेट रीसाइक्लिंग के प्रोसेस ने आकर्षित किया. यूट्यूब से मिले आइडिया के बाद वे अब सिगरेट बट्स को रिसाइकल कर इससे सॉफ्ट टॉय, कुशन और मच्छर भगाने वाली दवाओं के लिए इस्तेमाल कर रहे है.
"When I lost my job in lockdown, I started watching YouTube videos, which is when concept of cigarette recycling intrigued me. Barring initial hiccups, response has been good. We've also employed local women, who're engaged in collection, processing & conversion of butts,"he adds pic.twitter.com/B9INKtgYr3
— ANI (@ANI) September 8, 2021
ट्विंकल कुमार ने बताया कि हमने सिगरेट बट्स को इकट्ठा करने के लिए धूम्रपान क्षेत्रों के साथ व्यावसायिक स्थानों पर डिब्बे स्थापित किए हैं, जिन्हें संसाधित किया जाता है और उपयोगी चीजों में परिवर्तित किया जाता है. उन्होंने कहा कि शुरुआती दिक्कतों को छोड़ दें, तो रिस्पॉन्स अच्छा रहा है. हमने स्थानीय महिलाओं को भी नियुक्त किया है, जो बटों के संग्रह, प्रसंस्करण और रूपांतरण में लगी हुई हैं.
बता दें कि सिगरेट के फिल्टर सेल्यूलोज एसीटेट से बने होते है, जो प्लास्टिक जैसा ही पदार्थ होता है और इसे गलने में सालों में लग जाते है. यह कचर विषाक्त असर छोड़ने वाले माइक्रोप्लास्टिक में तब्दील हो जाता है और ये जैव विविधता के लिए भी खतरा पैदा करता है.
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