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Punjab Municipal Elections Results 2021 कांग्रेस ने सबको पीछे छोड़ा, अकाली दल और बीजेपी को बड़ा झटका, तीसरे पायदान पर AAP

Punjab Municipal Elections Results 2021 हरियाणा के बाद अब पंजाब में हुए निकाय चुनाव के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निराश किया है. वहीं, कांग्रेस ने पंजाब के स्थानीय निकाय चुनाव में बाजी मार ली है. कांग्रेस ने सात में से छह नगर निगमों में जीत दर्ज की है. जबकि, इस चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को करारा झटका हैं और पार्टी अपने सबसे बड़े गढ़ बठिंडा में बुरी तरह हार गयी है. बठिंडा में बादल परिवार का असर रहा है. दरअसल, प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव बठिंडा में ही आता है, लेकिन पार्टी को यहां कांग्रेस ने बुरी तरह मात दी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2021 5:57 PM

Punjab Municipal Elections Results 2021 हरियाणा के बाद अब पंजाब में हुए निकाय चुनाव के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निराश किया है. वहीं, कांग्रेस ने पंजाब के स्थानीय निकाय चुनाव में बाजी मार ली है. कांग्रेस ने सात में से छह नगर निगमों में जीत दर्ज की है. जबकि, इस चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को करारा झटका हैं और पार्टी अपने सबसे बड़े गढ़ बठिंडा में बुरी तरह हार गयी है. बठिंडा में बादल परिवार का असर रहा है. दरअसल, प्रकाश सिंह बादल का पैतृक गांव बठिंडा में ही आता है, लेकिन पार्टी को यहां कांग्रेस ने बुरी तरह मात दी है.

इन सबके बीच, पंजाब में हुए निकाय चुनाव के नतीजे आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए कुछ खास नहीं रहा है. इस चुनाव में पार्टी तीसरे नंबर पर ही दिख रही है. बता दें कि आम आदमी पार्टी ने पंजाब में पहली बार निकाय चुनाव लड़ा है. मोगा नगर निगम की चार सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार ने जीत हासिल की है. वहीं, होशियारपुर नगर निगम में पार्टी दो सीटों पर जीती है. खन्ना में भी आम आदमी पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली है.

शिरोमणि अकाली दल (SAD) की बात करें तो विधानसभा चुनाव से एक साल पहले निकाय चुनाव के नतीजे पार्टी के लिए बेहतर साबित नहीं हुए है. प्रकाश सिंह बादल के पैतृक गांव बठिंडा में कांग्रेस को जीत मिली है. कांग्रेस की सफलता पर पार्टी नेता मनप्रीत सिंह बादल ने ट्वीट कर कहा कि 53 साल में पहली बार यहां कांग्रेस का मेयर बनेगा. वहीं, अगर पिछले बार के नतीजों की बात करें तो अकाली दल बहुत ही बेहतर पॉजिशन पर था.

शिरोमणि अकाली दल ने 2044 में से सबसे ज्यादा 813 वॉर्डों में जीत दर्ज की थी. जबकि, 2015 में अकेले शिरोमणि अकाली दल ने 34 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में अपना अध्यक्ष बनवाया था. उस वक्त अकाली दल का भाजपा के साथ गठबंधन भी था और तब दोनों दलों ने मिलकर 27 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में संयुक्त रूप से अध्यक्ष बनाए थे. वहीं, अकेले भाजपा को आठ नगर परिषदों में, जबकि कांग्रेस को पांच में अपना अध्यक्ष बनाने में सफलता मिली थी.

भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव के नतीजों से झटका लगा है. माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के बीच भाजपा के लिए भी नतीजे अच्छे संकेत नहीं हैं. इससे पहले हरियाणा में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा था. पंजाब में शिरोमणि अकाली दल से उसका गठबंधन पहले ही टूट चुका था. 2015 में 348 वॉर्डों में जीत हासिल करने वाली पार्टी इस बार पार्टी आसपास भी नजर नहीं आ रही है. गुरदासपुर से भाजपा के सनी देओल सांसद हैं. बावजूद इसके शहर के सभी 29 वॉर्ड कांग्रेस के खाते में गए हैं.

उल्लेखनीय है कि पंजाब में 100 से अधिक नगर निकायों के लिए हुए चुनाव की मतगणना बुधवार को शुरू हुई. राज्य में 14 फरवरी को नगर निकायों के चुनाव के लिए 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था. उम्मीदवारों में 2,832 निर्दलीय, 2307 सत्तारूढ़ कांग्रेस के, जबकि 1569 शिरोमणि अकाली दल के थे. भाजपा ने 1003, आप ने 1606 और बसपा ने 160 उम्मीदवार उतारे थे.

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