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Farmers Protest: ‘भगवंत मान में हिटलर की आत्मा’, मौत पर बौखलाये किसानों का जोरदार प्रदर्शन, सुरक्षा कड़ी

पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, मुझे लगता है भगवंत मान में आज हिटलर की आत्मा आ गई है. कल किसानों के साथ जो हुआ, खासकर लोंगोवाल में लाठीचार्ज में एक किसान की मौत के लिए मैं भगवंत मान को जिम्मेदार मानता हूं.

पंजाब में एक बार फिर से किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. बाढ़ से हुए नुकसान के लिए मुआवजे की मांग को लेकर 16 किसान संगठनों ने प्रदर्शन का ऐलान किया है. इधर संगरूर में प्रदर्शन के दौरान एक किसान की मौत के बाद लोग आक्रोशित हो गये और थाने का घेराव किया.

भगवंत मान में घुस गई हिटलर की आत्मा : किसान नेता

पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, मुझे लगता है भगवंत मान में आज हिटलर की आत्मा आ गई है. कल किसानों के साथ जो हुआ, खासकर लोंगोवाल में लाठीचार्ज में एक किसान की मौत के लिए मैं भगवंत मान को जिम्मेदार मानता हूं. बर्बर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए… हम इसकी निंदा करते हैं. कांग्रेस पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध करती है कि वे इस पर स्वत: संज्ञान लें और भगवंत मान के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला बनाया जाए और संबंधित पुलिस अधिकारियों को सह-साजिशकर्ता बनाया जाए और उनके खिलाफ भी FIR दर्ज की जाए. आप के साथ संबंध पर किये गये सवाल पर बाजवा ने कहा, हमारा आम आदमी पार्टी से कोई संबंध नहीं है. हमने पहले भी ये साफ किया है और आज फिर से हम ये कर रहे हैं. अगर हमें उनका समर्थन करना होता तो क्या आज हम उनका विरोध करते?

संगरूर में पुलिस के साथ हुई किसानों की झड़प, ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचलकर एक व्यक्ति की मौत

सोमवार को प्रदर्शन के दौरान किसान और पुलिस के बीच झड़प हुई थी. जिसमें ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचलकर एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. कुछ किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया था. किसानों ने दावा किया था कि उनके कई नेताओं को पंजाब के विभिन्न हिस्सों से सोमवार को हिरासत में लिया गया और कुछ किसानों को उनके प्रस्तावित प्रदर्शनों से पहले हरियाणा के अंबाला और कुरुक्षेत्र में भी हिरासत में लिया गया. किसानों ने अपने नेताओं को हिरासत में लिए जाने के विरोध में अमृतसर और तरनतारन में कुछ टोल प्लाजा की घेराबंदी भी की.

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किसानों के प्रदर्शन को देखते हुई सीमा पर बढ़ाई गई सुरक्षा

किसानों के आहूत प्रदर्शन के मद्देनजर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की अंतरराज्यीय सीमाओं पर मंगलवार को सुरक्षा कड़ी कर दी गई. चंडीगढ़ में सभी प्रवेश एवं निकास बिंदुओं पर सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं, ताकि किसानों को प्रवेश करने से रोका जा सके. अधिकारियों ने बताया कि अंबाला में शंभू बार्डर पर बड़ी संख्या में बलों को तैनात किया गया है. यह हरियाणा और पंजाब की सीमा है. पंजाब के राजपुरा में अवरोधक लगाए गए हैं तथा दंगा-रोधी वाहनों और एक सीसीटीवी वाहन को भी तैनात किया गया है.

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16 किसान संगठनों ने किया प्रदर्शन का ऐलान

किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारती किसान यूनियन (क्रांतिकारी), बीकेयू (एकता आजाद), आजाद किसान समिति, दोआबा, बीकेयू (बेहरामके) और भूमि बचाओ मुहिम सहित 16 किसान संगठनों ने यहां प्रदर्शन करने का आह्वान किया है.

क्या है किसानों की मांग

किसान नेता पंजाब समेत पूरे उत्तर क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए केंद्र से 50,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग कर रहे हैं. वे फसल के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, क्षतिग्रस्त घर के लिए पांच लाख रुपये और बाढ़ में मारे गए व्यक्तियों के परिवार के लिए 10- 10 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं.

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