पंजाब के सीमावर्ती जिले तरनतारन में एक पुलिस थाने पर रॉकेट द्वारा संचालित ग्रेनेड (आरपीजी) से हमला किया गया. गत सात महीने में पंजाब के तरनतारन में यह इस तरह की दूसरी घटना है. राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने इस हमले को ‘ पड़ोसी देश की भारत को हजार घाव देने की रणनीति’ करार दिया.
डीजीपी ने बताया कि प्राथमिक सूचना के मुताबिक यह सैन्य श्रेणी का ग्रेनेड है और संदेह है कि इसे सीमापार से तस्करी कर लाया गया होगा. भारत में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की ओर संकेत देते हुए यादव ने कहा,‘‘स्पष्ट संकेत है कि यह पड़ोसी देश की भारत को हजार घावों से तबाह करने की रणनीति की हिस्सा है. उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय एजेंसियों के समन्वय से पंजाब पुलिस मामले की जांच कर रही है. तरन-तारन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुरमीत सिंह चौहान ने बताया कि कुछ संदिग्धों से मामले में पूछताछ की जा रही है और जांच जारी है.
राज्य के पुलिस प्रमुख ने कहा कि ‘इस कायराना हमले’ को रात के अंधेरे में अंजाम दिया गया क्योंकि पिछले एक महीने में ड्रोन के जरिये भेजी गई हेरोइन और हथियारों के जब्त किए जाने के बाद ‘दुश्मन देश परेशान है. उन्होंने बताया, इसी साल 200 से अधिक बार ड्रोन के सीमा पार से आने की घटना हुई और गत एक महीने में ही कई ड्रोन मार गिराए गए और हेरोइन, हथियार और गोला-बारूद जब्त किए गए. यादव ने कहा, ऐसा लगता है कि हमारा दुश्मन देश परेशान महसूस कर रहा है और इससे ध्यान भटकाने के लिए रात को कायराना हमलों को अंजाम दे रहा है.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा 15 अक्टूबर को जारी आदेश में पुलिस इमारतों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया था और इस आदेश की प्रति सरहाली पुलिस थाने की बाहरी दीवार पर भी चस्पा की गई थी. जब इस आदेश के बारे में डीजीपी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘यह अभ्यास था. यह पहला हमला नहीं है. हम समय-समय पर पूर्वाभ्यास करते हैं और अलर्ट जारी करते हैं.