‘पंजाबी लहर’ ने भारत और पाकिस्तान के 200 से अधिक परिवारों को मिलाया, गले मिलकर रोते रहे दो भाई
भाव-विभोर कर देने वाले इस पुनर्मिलन के एक वीडियो में इस सप्ताह वीजा-मुक्त करतारपुर गलियारे पर बुजुर्ग भाइयों, एक भारत से और दूसरा पाकिस्तान से, को एक-दूसरे को गले लगते देखा गया. यह वीडियो वायरल हो गया है.
भारत और पाकिस्तान को जोड़ने वाले ऐतिहासिक करतारपुर गलियारे की तरह ही पाकिस्तान के यूट्यूब चैनल ‘पंजाबी लहर’ ने सीमा के दोनों तरफ रहनेवाले 200 दोस्तों एवं परिवारों को फिर से मिलवाया है.
इस चैनल ने 74 साल बाद विभाजन के वक्त बिछड़े भाइयों को मिलवाया और इस नजारे को देख लोगों की आंखों में आंसू आ गये. भाव-विभोर कर देने वाले इस पुनर्मिलन के एक वीडियो में इस सप्ताह वीजा-मुक्त करतारपुर गलियारे पर बुजुर्ग भाइयों, एक भारत से और दूसरा पाकिस्तान से, को एक-दूसरे को गले लगते देखा गया. यह वीडियो वायरल हो गया है.
पाकिस्तान के पंजाब के 84 वर्षीय सद्दीकी खान और भारत के पंजाब के उनके भाई हबीब उर्फ सिक्का खान की भावुक मुलाकात भाइयों के अपने-अपने घर लौटने से पहले एक घंटे से अधिक समय तक चली. वर्ष 1947 में विभाजन के दौरान अलग हुए अस्सी साल के दो भाइयों के पुनर्मिलन ने करतारपुर में तीर्थयात्रियों को प्रभावित करने के अलावा पाकिस्तान स्थित यूट्यूब चैनल की ओर भी सबका ध्यान दिलाया, जिसने उन्हें 74 वर्षों के बाद एक-दूसरे से मिलने और गले लगाने में मदद की.
करीब 5,31,000 सब्सक्राइबर के साथ अपना यूट्यूब चैनल चलाने वाले नासिर ढिल्लों ने कहा कि चैनल का मकसद, पूर्वी और पश्चिमी पंजाब में विभाजन से पैदा हुई दूरी को मिटाना है. ढिल्लों ने कहा, दोनों ओर से भारतीय और पाकिस्तानी पंजाब के लोगों की मदद से हमने सीमा पार से करीब 200 दोस्तों एवं परिवारों को फिर से मिलवाया है.
ननकाना साहिब के भूपेंद्र सिंह लवली के साथ चैनल का संचालन करने वाले ढिल्लों ने कहा, 1947 में विभाजन के खूनी दंगों के दौरान सीमा के दोनों तरफ के लोगों के पास अपने परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों से अलग होने की कहानियां हैं और कुछ न कुछ लिंक वीडियो कहानियों से मिल जाता है जिससे उन्हें अपने प्रियजनों, दोस्तों तथा अपने पूर्वजों का घर ढूंढ़ने में मदद मिलती है. पंजाब पुलिस में 12 साल तक पुलिस अधिकारी के तौर पर काम करनेवाले फैसलाबाद के 37 वर्षीय व्यक्ति ने करीब चार साल पहले अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया था.
उन्होंने कहा कि उनके दादा ने उन्हें विभाजन से अलग हुए परिवारों और दोस्तों को फिर से जोड़ने और सीमा पार के लोगों के बीच प्यार को बढ़ावा देने के लिए चैनल शुरू करने की प्रेरणा दी. तीन बच्चों के पिता ढिल्लों ने कहा कि अगर भारत सरकार उन्हें वीजा दे दे तो वह भी अपने पैतृक गांव जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यदि भारत ने कोविड-19 के कारण प्रतिबंध नहीं लगाए होते तो सिक्का और सादिक दोनों भाई एक साल पहले गलियारे पर मिल सकते थे. ढिल्लों ने पाकिस्तान और भारत की सरकारों से वरिष्ठ नागरिकों को एक-दूसरे देश में वीजा मुक्त यात्रा की अनुमति देने का आग्रह किया है.