पूरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह के मुख्य द्वार पर चांदी की कीमती परत चढ़ाई जायेगी. एक मुंबई के एक भक्त में जगन्नाथ मंदिर में 2500 किलोग्राम चांदी दान किया किया. बता दें एक लकड़ी का दरवाजा गर्भगृह की रखवाली कर रहा है जो कि 12वीं शताब्दी में लगाया गया था. पर अब इसमे चांदी की परत चढ़ाई जायेगी.
मंदिर प्रशासकों और मंदिर प्रबंध समिति के सदस्यों ने कहा कि सिल्वर-क्लैडिंग कार्य के डिजाइन और अन्य तौर-तरीकों को मंजूरी देने के लिए गठित 17-सदस्यीय समिति आगे की कार्रवाई के लिए 27 अक्टूबर को बैठक करेगी.
जगन्नाथ मंदिर के “कालाहट द्वार, जया-विजय द्वार, बहराणा द्वार, सतपहाच द्वार, पश्चिम भोग मंडप द्वार, नरसिंह मंदिर द्वार, बिमला मंदिर द्वार और महालक्ष्मी मंदिर द्वार के द्वार 2,500 किलो चांदी से निर्मित चांदी की चादरों से सुसज्जित होंगे. जिसे मुंबई के एक भक्त ने दिया है. वर्तमान में जिन दरवाजों का इस्तेमाल हो रहा है उसे हचटा दिया जायेगा और मलेशिया से आयातित बर्मा टीकवुड से बनाया जायेगा. मंदिर के प्रशासक (विकास) अजय जेना ने कहा की भक्त दरवाजे के लिए जरूरी लकड़ी का भी दान कर रहे हैं.
जब तक सभी कमरों के लिए आठ दरवाजों का निर्माण कार्य पूरा नहीं होगा तब तक 15.32 करोड़ रुपये मूल्य के चांदी को पूरी सुरक्षा के साथ रख जायेगा. पहले चरण में तीन मुख्य दरवाजे- जय बिजय द्वार, कलहट द्वार और बेहेराना द्वार पर चांदी की परत चढ़ाई जायेगी.
बता दें की काफी पुराने हो जाने के कारण और खोलने बंद करने के कारण दरवाजों पर काफी नुकसान हुआ है. इस कारण दरवाजे को बंद करने में भी काफी परेशानी आ रही थी. बता दे कि जय बिजय द्वार मुख्य गर्भगृह के लिए मुख्य प्रवेश द्वार है, कालाहाता द्वार गर्भगृह का द्वार है. इसके अलावा भगवान का दर्शन करने के बाद भक्त बहराणा द्वारा से बाहर निकलते हैं.
इस बीच मंदिर प्रबंधन ने इस बात का फैसला नहीं किया है कि 27 नवंबर को होने वाले नागार्जुन वेश पूजा के लिए मंदिर खोले जायेंगे की नहीं . ‘नागार्जुन वेश’ के दौरान देवताओं को युद्ध के हथियारों और सुदर्शन चक्र के साथ योद्धाओं के रूप में दिखाया जाता है.
Posted By: Pawan Singh