पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का 15 अप्रैल तक होगा लोकार्पण… बिहार-यूपी के लोगों को होगा फायदा
Purvanchal Expressway, 15 April, Bihar-UP : लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गाजीपुर तक बन रही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 15 अप्रैल तक होने की संभावना है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अधिकारियों को 15 अप्रैल तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण कार्यक्रम तय करने का निर्देश दिया है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर से बिहार तक आनेवाली गाड़ियों को फायदा होगा.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गाजीपुर तक बन रही पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 15 अप्रैल तक होने की संभावना है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अधिकारियों को 15 अप्रैल तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण कार्यक्रम तय करने का निर्देश दिया है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से दिल्ली-एनसीआर से बिहार तक आनेवाली गाड़ियों को फायदा होगा.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे लखनऊ जिले के लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच 56) पर स्थित चांदसराय गांव से शुरू होगा, जो गाजीपुर जिले के यूपी-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर दूर एनएच 19 पर स्थित हैदरिया गांव तक होगा.
मालूम हो कि बिहार की राजधानी पटना से बक्सर तक 125 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क शुरू हो चुकी है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एनएच 31 से गाजीपुर जिले के एनएच 31 पर पखनपुरा में मिलती है. यहां से बक्सर की दूरी करीब 18 किलोमीटर है.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के होंगे कई फायदे
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश के नौ जिले जुड़ेंगे. लखनऊ से गाजीपुर जिले को जोड़नेवाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से बाराबंकी, अमेठी, सुलतानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, आजमगढ़ और मऊ जिले जुड़ेंगे.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से उत्तर प्रदेश के पूर्वी शहर राजधानी लखनऊ के साथ-साथ अन्य एक्सप्रेस-वे के जरिये देश की राजधानी दिल्ली से भी जुड़ जायेगा. यह एक्सप्रेस-वे वर्तमान के ‘आगरा से लखनऊ एक्सप्रेस-वे’ और मौजूदा ‘यमुना एक्सप्रेस-वे’ से भी जुड़ जायेगा.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शुरू होने से ट्रांसपोर्ट की गति बढ़ेगी. एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेस-वे होने के कारण ईंधन के साथ-साथ समय की भी बचत होगी. साथ ही हादसों के भी कम होने के आसार होंगे.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के तैयार होने से आसपास के इलाकों के सामाजिक और आर्थिक रूप से विकसित होने में भी मदद मिलेगी. साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और अन्य औद्योगिक विकास को भी काफी प्रोत्साहन मिलेगा.
एक्सप्रेस-वे के आसपास के इलाकों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, शैक्षिक संस्थान, स्वास्थ्य संस्थान, नये शहर और कई वाणिज्यिक केंद्रों को स्थापित किया जा सकता है. इससे कई क्षेत्रों में रोजगार के अवसर और बढ़ेंगे.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, मौजूदा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाने के फलस्वरूप पूर्वांचली शहरों के आद्यौगिक विकास का प्रवेश द्वार साबित होगा. इससे पश्चिमी शहरों से ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी में काफी मदद मिलेगी.
मालूम हो कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण 22,494.66 करोड़ रुपये की लागत से कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी ने 31 मार्च तक मुख्य एक्सप्रेस-वे के तैयार होने की उम्मीद जतायी है.
लखनऊ से आजमगढ़ के रास्ते गाजीपुर तक बननेवाला पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा. इसकी कुल लंबाई करीब 340 किलोमीटर है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की आधाशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में रखी थी.