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उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को पहनाया गया चुनौती भरा ताज, भगत सिंह कोश्यारी के रह चुके हैं ओएसडी

कुमायूं क्षेत्र के सबसे बड़े राजपूत चेहरा का तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले पुष्कर सिंह धीमा कम बोलने वाले लेकिन विवादित बयान देने वाले के तौर पर भी जाने जाते हैं. खटीमा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर दो बार जीत दर्ज करा चुके धीमा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभाई है.

देहरादून : उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी को चुनौती भरे चुनावी माहौल में मुख्यमंत्री का ताज पहनाया गया है. तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद शनिवार को दोपहर बाद आयोजित विधायक दल की बैठक में धीमा को विधायक दल का नेता चुना गया और सूबे के नए सीएम के तौर पर उनके नाम पर मुहर लगाई गई.

कुमायूं क्षेत्र के सबसे बड़े राजपूत चेहरा

कुमायूं क्षेत्र के सबसे बड़े राजपूत चेहरा का तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले पुष्कर सिंह धीमा कम बोलने वाले लेकिन विवादित बयान देने वाले के तौर पर भी जाने जाते हैं. खटीमा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर दो बार जीत दर्ज करा चुके धीमा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभाई है. धीमा को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के करीबी नेताओं में से एक माना जाता है. वे राज्य के अन्य मुख्यमंत्रियों के मुकाबले कहीं अधिक युवा और ऊर्जावान हैं.

रेस में शामिल थे कई नेता

हालांकि, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद शनिवार को होने वाली विधायक दल की बैठक के पहले यह कयास लगाया जा रहा था कि राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर प्रदेश भाजपा इकाई के पूर्व अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल या पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत में से कोई एक उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री हो सकता है. विधायक दल की बैठक में शामिल निर्वाचित सदस्यों ने पुष्कर सिंह धीमा के नाम पर अपनी मुहर लगाई.

धामी के लिए चुनौती

पुष्कर सिंह धीमा के लिए राज्य के मुख्यमंत्री का यह ताज चुनौतियों से भरा हुआ है. इसका कारण यह है कि अगले साल मार्च-अप्रैल में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ ही उत्तराखंड में भी इलेक्शन कराया जाएगा. ऐसी स्थिति में भाजपा आलाकमान यहां के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हीं लोगों को जिम्मेदारी सौंप रही है, जो आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य के राजनीतिक और जातीय समीकरण में फिट बैठता हो या इन दोनों समीकरणों को साधने में सफलता हासिल करे.

उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के 11वें सीएम

सबसे बड़ी बात यह है कि पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में अब तक के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होंगे. मीडिया की खबरों से मिल रही जानकारी के अनुसार, खटीमा विधानसभा क्षेत्र से दो बार चुनाव जीतने वाले धामी की उम्र 45 साल के युवा हैं और वे सूबे के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे.

परिजनों में खुशी की लहर

पुष्कर सिंह धामी के उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर विधायक दल की ओर से चुने जाने के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है. धामी की मां विष्णा देवी ने खटीमा में कहा कि मैं बहुत ही खुश हूं, लेकिन थोड़ी उदास भी हूं कि यह सब देखने के लिए उसके (पुष्कर सिंह धीमा के पिता) पिता फिलहाल इस संसार में नहीं है. उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की थी. वहीं, धीमा की पत्नी गीता ने कहा कि मैं पार्टी आलाकमान, पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा और खटीमा विधानसभा क्षेत्र के लोगों का धन्यवाद देना चाहूंगी. उन्होंने कहा कि वह मध्यम वर्ग परिवार से आते हैं और वे लोगों की समस्या को बखूबी समझते हैं.

पीएम मोदी का जताया आभार

धामी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अपने पूरे केंद्रीय नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने इस जिम्मेदारी के लिए उन पर भरोसा किया. उन्होंने कहा कि वह पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र कनालीछीना में एक पूर्व सैनिक के घर में पैदा हुए, लेकिन खटीमा उनकी कर्मभूमि है. वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से वह न केवल हर चुनौती को पार करेंगे, बल्कि अपने पूर्ववर्तियों द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढाएंगे. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता जनता की सेवा है जिसके लिए वह पूरे मन से काम करेंगे.

कोश्यारी के थे ओएसडी

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले की खटीमा सीट से लगातार 2 बार के विधायक हैं. अब उनके नाम एक नया रिकॉर्ड जुड़ने जा रहा है. पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होंगे. 45 साल की उम्र में वह राज्य की बागडोर संभालेंगे. पुष्कर धामी को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी का करीबी माना जाता है. जब भगत सिंह कोश्यारी मुख्यमंत्री थे, तो पुष्कर धामी उनके ओएसडी हुआ करते थे. पुष्कर धामी अभी तक कभी भी किसी कैबिनेट मंत्री या राज्यमंत्री के पद पर नहीं रहे हैं. इसके अलावा, सरकार चलाने का भी कोई अनुभव उनके पास नहीं है. पुष्कर धामी उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल से आते हैं और राजपूत जाति से ताल्लुक रखते हैं.

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