R Venkataramani: कौन है नये अटॉनी जनरल आर वेंकटरमणी? 42 साल तक SC और HC में दे चुके हैं सेवा, जानें सबकुछ
आर वेंकटरमणी 42 वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में अभ्यास कर चुके नए अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी ने साल 2004 से 2010 के मध्य भारत सरकार के वरिष्ठ वकिल के रूप में भी सेवाएं दी है. उन्होंने भारत सरकार के कई विभागों के लिए कार्य किया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणी (R Venkataramani) को देश का नया अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया. केंद्र सरकार ने बुधवार एक अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी. वेंकटरमणी को केके वेणुगोपाल की जगह लेंगे. अटॉर्नी जनरल की नियुक्ती के लिए पिछले कुछ दिनों से चर्चा तेज थी. वरिष्ठ अधिवक्ता केके वेणुगोपाल और एक मुकुल रोहतगी ने इस पेशकश को ठुकरा दिया था, जिसके बाद केंद्र सरकार ने वेंकटरमणी की नियुक्ती की है.
Advocate R Venkataramani appointed as new Attorney General of India
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— ANI Digital (@ani_digital) September 28, 2022
जानें कौन है नए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी
आर वेंकटरमणी का जन्म साल 1950 में पांडिचेरी में हुआ. उन्होंने साल 1977 में तमिलनाडु बार काउंसिल में अपना नाम दर्ज कर वकालत की शुरुआत की. इसके बाद साल 1979 में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी राव के निर्देशन में काम किया. 1982 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपने स्वतंत्र प्रैक्टिस की शुरूआत की, जिसके 15 साल बाद उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा प्राप्त हुआ. मीडिया रिपोर्ट की माने तो आर वेंकटरमणी कई संवैधानिक शाखाओं के प्रमुख के रूप में भी काम कर चुके हैं. उन्होंने संवैधानिक कानून, कॉरपोर्ट कानून, अप्रत्यक्ष करों के कनून समेत कई विभागीय कानूनों के लिए प्रैक्टिस कर चुके हैं.
भारत सरकार के लिए पहले भी कर चुके हैं कार्य
42 वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में अभ्यास कर चुके नए अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी ने साल 2004 से 2010 के मध्य भारत सरकार के वरिष्ठ वकिल के रूप में भी सेवाएं दी है. उन्होंने भारत सरकार के कई विभागों के लिए कार्य किया है. इसके अलावा, वे अकादमिक गतिविधियों में अपनी सेवाएं देते रहे हैं. बताते चले कि वेंकटरमणी हाल में हिजाब विवाद मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में एक पक्ष की पैरवी की थी.
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जानें क्या होता है अटॉर्नी जनरल
अटॉनी जनरल यानी महान्यायवादी का पद केंद्र सरकार के मुख्य कानूनी सलाहकार के रूप में परिभाषित किया जाता है. यह केंद्र सरकार से जुड़े विधि के मामलों का अधिकारी होता है, जो सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का पक्ष रखता है. संविधान की धारा 76 (1) के तहत अटॉर्नी जनरल की नियुक्ती की जाती है. भारत के राष्ट्रपति द्वारा अटर्नी जनरल की नियुक्ती की जाती है.