राहुल गांधी ने राफेल विवाद पर किया पोल, पूछा इस मामले की जांच क्यों नहीं चाहती मोदी सरकार ?

rafale deal controversy rafale controversy news Rahul Gandhi did a poll on the Rafale controversy asked why the Modi government did not want to investigate this matter? rafale controversy राफेल को लेकर राजनीति तेज है. 59 हजार करोड़ रुपये की डील में कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. फ्रांस में भी भारत- फ्रांस की राफेल डील पर जांच शुरू हो गयी है. कांग्रेस इसे लेकर अब यहां भी जांच की मांग कर रही है. कांग्रेस संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग पर अड़ी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस मामले में जांच को लेकर मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 4, 2021 12:39 PM
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फ्रांस द्वारा भारत के साथ 59 हजार करोड़ रुपये की राफेल डील में कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच का आदेश दिए जाने के बाद से कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग कर रही है. रविवार को भी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है.

राफेल को लेकर राजनीति तेज है. 59 हजार करोड़ रुपये की डील में कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. फ्रांस में भी भारत- फ्रांस की राफेल डील पर जांच शुरू हो गयी है. कांग्रेस इसे लेकर अब यहां भी जांच की मांग कर रही है. कांग्रेस संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग पर अड़ी है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस मामले में जांच को लेकर मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं.

इस मामले को लेकर राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोल किया जिसमें लोगों से पूछा इस मामले की जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है ? राहुल गांधी ने इस सवाल के जवाब के लिए तीन ऑप्शन दिये जिसमें से पहला था अपराधबोध, मित्रों को बचाना, जेपीसी को राज्यसभा सीट नहीं चाहिए इसके साथ एक और आप्शन दिया ये सभी विकल्प सही हैं.

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इस पोल में खबर लिखे जाने तक लगभग 30 हजार लोग शामिल हुए थे . सबसे ज्यादा लोग 65 फीसद वोट ने चौथा ऑप्शन चुना है जबकि मित्रों को बचाने ऑप्शन 23.3 प्रतिशत लोगों ने चुना है. अपराधबोध का ऑप्शन 6.4 प्रतिशत जेपीसी और आरसी सीट नहीं चाहिए 5.3 फीसद लोगों ने चुना है.

राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस लगातार जांच की मांग कर रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी इस मामले को लेकर लगातार बयान देना शुरू कर दिया है. दूसरी तरफ भाजपा के नेता इन आरोपों को बेबुनिया बता रहे हैं.

फ्रांस की वेबसाइट में भी इस डील को लेकर कई खुलासे किये गये हैं वेबसाइट के अनुसार 14 जून को औपचारिक रूप से आरंभ हुई. इस डील पर फ्रांस और भारत के बीच 2016 में हस्ताक्षर हुए थे. ‘मीडिया पार्ट’ से संबंधित पत्रकार यान फिलिपीन ने कहा कि 2019 में दायर की गई पहली शिकायत को पूर्व पीएनएफ प्रमुख की ओर से ‘दबा दिया गया था.’

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अप्रैल महीने में इस वेबसाइट ने फ्रांस की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी की जांच का हवाला देते हुए दावा किया था कि राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविशन ने एक भारतीय बिचौलिए को 10 लाख यूरो दिए थे. इस पूरे मामले में फ्रांस में जांच शुरू हो गयी और भारत में भी कांग्रेस लगातार इस मामले की जांच की मांग कर रही है.

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