Rafale : भारतीय धरती को यूं चूमे ‘महाविनाशक’ राफेल लड़ाकू विमान, अंबाला एयरबेस पर दी गई सलामी, देखें VIDEO
Rafale fighter jets, reached India, salute given at Ambala airbase, see VIDEO रूस से सुखोई विमानों की खरीद के करीब 23 साल बाद, नये और अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा फ्रांस से आज यहां, देश के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयर बेस पर पहुंच गया.
नयी दिल्ली : रूस से सुखोई विमानों की खरीद के करीब 23 साल बाद, नये और अत्याधुनिक पांच राफेल लड़ाकू विमानों का बेड़ा फ्रांस से आज यहां, देश के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयर बेस पर पहुंच गया.
इन विमानों के वायुसेना में शामिल होने के बाद देश को आस-पड़ोस के प्रतिद्वंद्वियों की हवाई युद्धक क्षमता पर बढ़त हासिल हो जाएगी. निर्विवाद ट्रैक रिकॉर्ड वाले इन राफेल विमानों को दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माना जाता है. फ्रांस के बोरदु शहर में स्थित मेरिगनेक एयरबेस से 7,000 किलोमीटर की दूरी तय करके ये विमान आज दोपहर हरियाणा में स्थिति अंबाला एयरबेस पर उतरे.
राफेल विमानों के भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद दो सुखोई 30एमकेआई विमानों ने उनकी आगवानी की और उनके साथ उड़ते हुए अंबाला तक आए. राफेल के भारत पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संस्कृत के श्लोक से स्वागत किया और लिखा, राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्, राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्… स्वागतम्!
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट कर स्वागत किया और लिखा, मुझे भरोसा है कि वर्ल्ड क्लास फाइटर जेट गेम चेंजर साबित होता. पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना और पूरे देश को बधाई.
#WATCH Water salute given to the five Rafale fighter aircraft after their landing at Indian Air Force airbase in Ambala, Haryana. #RafaleinIndia pic.twitter.com/OyUTBv6qG2
— ANI (@ANI) July 29, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नपे ट्वीट किया है, बर्ड्स सुरक्षित उतर गए हैं. वायुसेना में लड़ाकू विमानों को ‘बर्ड’ (चिड़िया) कहा जाता है. सिंह ने ट्वीट किया है, राफेल लड़ाकू विमानों का भारत पहुंचना हमारे सैन्य इतिहास के नये अध्याय की शुरुआत है. ये बहुद्देशीय विमान भारतीय वायुसेना की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि करेंगे. राजग सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था.
गौरतलब है कि इससे पहले तत्कालीन संप्रग सरकार करीब सात साल तक भारतीय वायुसेना के लिए 126 मध्य बहुद्देशीय लड़ाकू विमानों के खरीद की कोशिश करती रही थी, लेकिन वह सौदा सफल नहीं हो पाया था. दसाल्ट एविएशन के साथ आपात स्थिति में राफेल विमानों की खरीद का यह सौदा भारतीय वायुसेना की कम होती युद्धक क्षमता में सुधार के लिए किया गया था, क्योंकि वायुसेना के पास फिलहाल 31 लड़ाकू विमान हैं जबकि वायुसेना के स्क्वाड्रन में इनकी स्वीकृत संख्या के अनुसार, कम से कम 42 लड़ाकू विमान होने चाहिए.
अंबाला पहुंचे पांच राफेल विमानों में से तीन राफेल एक सीट वाले जबकि दो राफेल दो सीट वाले लड़ाकू विमान हैं. इन्हें भारतीय वायुसेना के अंबाला स्थित स्क्वाड्रन 17 में शामिल किया जाएगा जो ‘गोल्डन एरोज’ के नाम से प्रसिद्ध है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra