29 जुलाई 2020 का दिन खास होगा, जब भारतीय वायु सेना (आईएएफ) का पहला राफेल एयरक्राफ्ट अंबाला के एयर फोर्स स्टेशन पर पहुंचेगा. भारत के पहले राफेल एयरक्राफ्ट के साथ चार अन्य एयरक्राफ्ट के आने की भी उम्मीद जताई जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, दुनिया का सबसे ताकतवार लड़ाकू विमान राफेल आज फ्रांस के एयरबेस से भारत के लिए उड़ेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान वह इटली और मिडिल ईस्ट में पड़ाव डालेंगे.
Five Rafale jets taking off from France today to join the Indian Air Force fleet in Ambala in Haryana on July 29th. The aircraft will be refuelled by French Air Force tanker aircraft on their way to an airbase in the UAE before leaving for India. pic.twitter.com/oycLjrR8yE
— ANI (@ANI) July 27, 2020
7364 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके ये विमान बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे और सबसे खास बात ये है कि भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट खुद रफाल उड़ाकर भारत ला रहे हैं. संभवत: 29 जुलाई को 4 से 6 राफेल लड़ाकू विमान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंच जाएंगे. फ्रांसीसी एयरफोर्स और इंडियन एयर फोर्स के पायलटों द्वारा इन्हें यहां लैंड करवाया जाएगा. ऐसे में अंबाला एयर फोर्स स्टेशन अब राफेल का नया घर होगा.
#WATCH Rafale jets taking off from France to join the Indian Air Force fleet in Ambala in Haryana on July 29th. pic.twitter.com/6iMJQbNT9b
— ANI (@ANI) July 27, 2020
बता दें कि देश में राफेल की पहली स्क्वाड्रन अंबाला में ही तैयार की गई है, जबकि दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयरफोर्स स्टेशन में तैनात की जाएगी. अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में राफेल के आगमन की तैयारियां जहां एक ओर जोरों-शोरों से चल रही हैं. अंबाला एयर फोर्स स्टेशन को नो ड्रोन जोन घोषित कर दिया गया है.
गौरतलब है कि रणनीतिक और क्षमता की दृष्टि से अंबाला एयरफोर्स स्टेशन उत्तर भारत का सबसे महत्वपूर्ण एयरफोर्स स्टेशन है. इस एयरफोर्स स्टेशन में पहले से ही लड़ाकू विमान जगुआर और मिग-21 बॉयसन की स्क्वाड्रन मौजूद है. वहीं अब चौथे और नवीनतम फाइटर जेट राफेल की स्क्वाड्रन भी यहां तैयार कर दी गई है.
बता दें कि सितंबर 2016 में भारत सरकार ने फ्रांसीसी सरकार के साथ 36 राफेल फाइटर एयरक्राफ्ट की डील पर हस्ताक्षर किए थे. आईएएफ के एयरक्राफ्ट की घटती ताकत के मद्देनजर सरकार ने आपातकालीन खरीद के जरिए इसे लेने पर मुहर लगाई थी.
Posted By: Utpal kant