विशेषााधिकार हनन मामला: ‘आप’ सांसद राघव चड्ढा ने बीजेपी को दी खुली चुनौती, कहा-कागजात दिखाएं

विशेषााधिकार हनन मामले को लेकर ‘आप’ सांसद राघव चड्ढा ने बीजेपी को खुली चुनौती दी है. उन्होंने कहा है कि मेरे खिलाफ जालसाजी के झूठे आरोप लगाने वाले बीजेपी सांसदों के खिलाफ अदालत, विशेषाधिकार समिति का रुख करूंगा.

By Amitabh Kumar | August 10, 2023 12:09 PM

आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा को लेकर इन दिनों काफी चर्चा हो रही है. ऐसा कहा जा रहा है कि उनकी राज्यसभा सदस्यता जा सकती है. मामले को लेकर ‘आप’ सांसद चड्ढा ने बीजेपी पर पलटवार किया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि यह दुष्प्रचार किया गया है कि राज्यसभा में चयन समिति में सदस्यों का नाम प्रस्तावित करने के लिए हस्ताक्षर, लिखित सहमति लेने की आवश्यकता होती है. मैं बीजेपी को चुनौती देता हूं कि वह कागजात दिखाएं जिनमें जाली हस्ताक्षर हैं.

‘आप’ सांसद राघव चड्ढा ने उनके खिलाफ विशेषााधिकार हनन की शिकायतों पर कहा कि मेरे खिलाफ शिकायतों पर संसदीय बुलेटिन में फर्जीवाड़े, जाली हस्ताक्षर का कोई उल्लेख नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ जालसाजी के झूठे आरोप लगाने वाले बीजेपी सांसदों के खिलाफ अदालत, विशेषाधिकार समिति का रुख करूंगा.

विशेषाधिकार समिति और अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा

राघव चड्ढा ने मीडिया को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि यह गलत प्रचार किया जा रहा है कि राज्यसभा में चयन समिति के सदस्यों के नामांकन के लिए हस्ताक्षर और लिखित सहमति की जरूरत होती है. चड्ढा ने कहा कि मैं बीजेपी के उन लोकसभा सदस्यों के खिलाफ विशेषाधिकार समिति और अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा जिन्होंने मेरे खिलाफ जालसाजी का झूठा आरोप लगाया है. आप नेता ने कहा कि जब भी विशेषाधिकार समिति किसी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है, तो उक्त व्यक्ति सार्वजनिक बयान नहीं देता. लेकिन मजबूरी के कारण मुझे बोलना पड़ रहा है. मैं माननीय सभापति या विशेषाधिकार समिति के खिलाफ नहीं बोलूंगा.

क्या है मामला

इससे पहले आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा पर लगाये गये आरोपों को “आधारहीन” करार दिया. पार्टी ने बीजेपी पर सांसद के रूप में उनकी छवि धूमिल करने के लिए अभियान चलाने का आरोप लगाया. आपको बता दें कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने गत बुधवार को कुछ सांसदों की उन शिकायतों को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया, जिनमें आरोप लगाया गया है कि चड्ढा ने नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना सदन की प्रवर समिति में उनका नाम शामिल करने का प्रस्ताव किया.

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राज्यसभा की एक बुलेटिन में कहा गया है कि सभापति को राज्यसभा के सदस्य सस्मित पात्रा, एस फान्गनॉन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से शिकायतें मिली थीं. इन शिकायतों में राघव चड्ढा पर अन्य बातों के साथ-साथ सात अगस्त को एक प्रस्ताव पेश करके प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना उनके नाम शामिल करने का आरोप लगाया गया है. चड्ढा ने राज्यसभा में ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023’ को पारित कराने की प्रक्रिया के दौरान इसे प्रवर समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था और इस समिति में शिकायत करने वाले उपरोक्त चार सांसदों के नाम शामिल किये थे.

राघव की सदस्यता छीनी गयी तो वह निर्वाचित होकर वापस आएंगे

आप सांसद संजय सिंह ने पिछले दिनों कहा था कि देश के गृह मंत्री अमित शाह राघव चड्ढा के पीछे पड़ गये हैं. जैसे झूठे और बेबुनियाद मामले के जरिए राहुल गांधी की सदस्यता छीन ली गयी वैसे ही वे राघव की सदस्यता छीनना चाहते हैं. वे बहुत खतरनाक लोग हैं. वे कुछ भी कर सकते हैं लेकिन हम आम आदमी के सिपाही हैं. हम उनसे नहीं डरते, हम उनसे लड़ते हैं और लड़ते रहेंगे. यदि राघव की सदस्यता छीनी गयी तो वह निर्वाचित होकर वापस आएंगे और उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.

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अमित शाह ने किया था जोरदार हमला

राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया था और कहा था कि सदन के दो सदस्य कह रहे हैं कि उनके नाम उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में डाले गये और प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर नहीं है. शाह ने कहा था कि यह जांच का विषय है. यह मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीपने का नहीं है. यह सदन के अंदर फर्जीपने का मामला है. उन्होंने दोनों सदस्यों के बयान दर्ज करवा कर इस मामले की जांच करवाने के लिए कहा था जिसके बाद से मामला गरम था.

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