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Raghav Chadha : ‘आग लगे चाहे बस्ती में, राघव चड्ढा रहता मस्ती में’, विंबलडन में स्पॉट होने के बाद ‘आप’ नेता होने लगे ट्रोल

Raghav Chadha : विंबलडन में स्पॉट होने के बाद 'आप' नेता राघव चड्ढा को सोशल मीडिया यूजर ट्रोल करने लगे हैं. एक यूजर ने लिखा कि आग लगे चाहे बस्ती में...राघव रहता मस्ती में...

Raghav Chadha : परिणीति चोपड़ा और राघव चड्ढा इन दिनों एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करने में व्यस्त हैं. कपल को पिछले दिनों विंबलडन 2024 के फाइनल में स्पॉट किया गया जिसकी तसवीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हुई. सोशल मीडिया यूजर राघव चड्ढा को इस बीच ट्रोल करने लगे हैं. ‘एक्स’ पर एक काव्या नाम की यूजर ने लिखा कि केजरीवाल जी की सेहत गिर रही है…AAP अपने मुश्किल समय मे है और आप Wimbledon Final देख रहे हो…ये अच्छी बात नही है. एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि आग लगे चाहे बस्ती में…राघव रहता मस्ती में…

एक अन्य यूजर ने लिखा कि हिंदुस्तान में आग लगी है नेता जी हैं विंबलडन में हैं. अमित मिश्रा नाम के यूजर ने लिखा-18 लाख का टिकट लेकर विंबलडन में मैच देखने वाला आदमी सबसे गरीब सांसद भगवान मुझे भी ऐसा ही गरीब बनाओ.

कैम्ब्रिज इंडिया कॉन्फ्रेंस में क्या बोले राघव चड्ढा

ऐसा नहीं कि राघव चड्ढा केवल लंदन खेल को इंज्वाय करने गए हैं. इसके इतर उन्होंने कैम्ब्रिज इंडिया कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया और विभिन्न विषयों विशेषकर इंडियन पॉलिटिक्स पर खुलकर बात की. जब राघव चड्ढा से सवाल किया गया कि आप राजनीति में कैसे आए? तो उन्होंने बहुत ही सहजता से उत्तर दिया कि जब इंडिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई चल रही थी तो मैं उस वक्त लंदन में था. समाजसेवी अन्ना हजारे और मेरे नेता अरविंद केजरीवाल इस आंदोलन में चेहरे थे. मैं एक वालंटियर के रूप में वहां मौजूद था. मैं सोसाइटी में चेंज लाने के मकसद से वहां गया था. इस वक्त कुछ ऐसा हुआ कि आंदोलन को पार्टी के स्टार्टअप के रूप में बदलने की जरूरत पड़ी. इसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) का गठन किया गया. मैं उस पार्टी का फाउंडर मेंबर रहा. इस तरह मैं पॉलिटिक्स के करीब आता चला गया.

पॉलिटिक्स ने मुझे चुना : राघव चड्ढा

आगे राघव चड्ढा ने कहा कि मैंने पॉलिटिक्स को नहीं चुना. पॉलिटिक्स ने मुझे चुना है. मैं किसी राजनीतिक घराने से नहीं आता हूं. मेरे परिवार का कोई भी सदस्य पॉलिटिक्स से संबंध नहीं रखता है. मैं समझता हूं कि मेरे बच्चे भी पॉलिटिक्स में नहीं आएंगे. मेरा भी कोई पॉलिटिकल गॉडफादर नहीं है. मेरे पास ना ही मनी पावर है और ना ही मसल पावर है. इसके अलावा मेरे पास मीडिया पावर भी नहीं है. जैसाकि इन सभी की आपको इस फिल्ड में जरूरत होती है. फिर भी इन सबके अलावा मेरी पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया.

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‘आप’ नेता राघव चड्ढा ने कहा कि मेरी पार्टी और भगवान के आशीर्वाद की वजह से मैं पार्टी का प्रवक्ता उस वक्त बना जब मेरी उम्र 22 से 23 साल थी. मैं पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया जब मेरी उम्र महज 26 साल थी. इस वक्त कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतिलाल वोहरा थे जो 89 साल के थे. इस तरह से इंडियन पॉलिटिक्स में चेंज आता गया.

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