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Raghuvansh Prasad Singh Death : अपने रूठे दोस्त रघुवंश प्रसाद सिंह को नहीं मना सके लालू प्रसाद, निधन की खबर मिलते ही…

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के दिग्गज नेता रहे डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Death News) का रविवार को निधन हो गया. राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे नेता ने दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) में अंतिम सांसें ली. उनके इस तरह चले जाने से वर्षों पुराने दोस्त लालू को गहरा झटका लगा है क्योंकि रघुवंश बाबू ने गत गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र लिख इस्तीफा देने का ऐलान किया था जिसके बाद से उन्हें मनाने का दौर चल रहा था.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के दिग्गज नेता रहे डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Death News) का रविवार को निधन हो गया. राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे नेता ने दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) में अंतिम सांसें ली. उनके इस तरह चले जाने से वर्षों पुराने दोस्त लालू को गहरा झटका लगा है क्योंकि रघुवंश बाबू ने गत गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद को पत्र लिख इस्तीफा देने का ऐलान किया था जिसके बाद से उन्हें मनाने का दौर चल रहा था.

निधन की सूचना मिलने के बाद बोले लालू : अपने दोस्त के निधन की सूचना मिलने के बाद लालू ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा- प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है… लेकिन आप इतनी दूर चले गए…नि:शब्द हूं… दुःखी हूं.. बहुत याद आएंगे…

रघुवंश प्रसाद सिंह का पत्र : डायरी के एक पेज पर राजद सुप्रीमो को संबोधित करते हुए 74 वर्षीय रघुवंश प्रसाद सिंह ने दो टूक लिखा था -‘‘ जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद 32 वर्ष तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं. पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आम जन बड़ा स्नेह दिया, मुझे क्षमा करें.’’ पूरा खत उन्होंने सिग्नेचर शैली में लिखा. लिहाजा पार्टी ने मान लिया कि यह उन्हीं के हाथ से लिखा हुआ खत है.

लालू ने कहा : इधर इसके जवाब में चारा घोटाले में सजा काट रहे लालू प्रसाद ने भी उन्हें पत्र लिख कर कहा था कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं. इस पर मिल-बैठ कर चर्चा करेंगे. उल्लेखनीय है कि वैशाली के पूर्व सांसद रामा सिंह की पार्टी में इंट्री की चर्चा के बीच रघुवंश ने 23 जून को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. हालांकि, राजद सुप्रीमो ने उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया. लालू प्रसाद ने खुद फोन लगाकर कई बार चर्चा की. तेजस्वी प्रसाद ने भी दिल्ली एम्स में जाकर उनसे मुलाकात की थी.

अचानक सहायक को बुलाया और लिख दी चिट्ठी : पिछले दिनों अचानक उन्होंने अपने सहायक से कहा कि कागज लेकर आओ, कुछ लिखना है. आनन-फानन में उन्हें डायरी का एक पेज लाकर दिया गया. पेन मांगा और एक घंटे से अधिक सोच कर भी करवट लिये लेटे-लेटे केवल चार लाइन लिखीं. कोरोना निगेटिव होने के बाद भी खांसी उनका पीछा नहीं छोड़ रही थी. वह लगातार एम्स में भर्ती थे. वह फेफड़े की बीमारी का इलाज करा रहे थे. दिल्ली एम्स के आइसीयू से लालू प्रसाद को लिखा कि 32 वर्ष तक आपकी पीठ के पीछे खड़ा रहा, लेकिन अब नहीं…

लालू प्रसाद ने क्या लिखा पत्र में: रघुवंश प्रसाद सिंह को लालू प्रसाद ने पत्र लिख कर चार दशकों से साथ काम करने की याद दिलायी थी . लिखा था कि मैं, मेरा परिवार व पूरा राजद परिवार आपको स्वस्थ हो कर अपने बीच देखना चाहता है. चार दशकों से हमने हर राजनीतिक, सामाजिक यहां तक की पारिवारिक मामले में मिल बैठक कर विचार किया है. आप जल्द स्वस्थ हों, फिर बैठकर बात करेंगे. आप कहीं नहीं जा रहे हैं, समय दीजिए.

Posted By : Amitabh Kumar

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