नई दिल्ली : नेशनल हेराल्ड हेराफेरी मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुख्यालय में पेश हुए. सुबह उनसे ईडी ने 3 घंटे तक पूछताछ की. उसके बाद फिर से उन्हें दोपहर में ईडी कार्यालय बुलाया गया. राहुल गांधी की पेशी से पहले सुबह से ही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मुख्यालय के बाहर एकत्र होकर जमकर शक्ति प्रदर्शन किया. हालांकि, प्रशासन की ओर से उन्हें इसके लिए सुबह तक अनुमति नहीं दी गई थी. उधर, दिल्ली पुलिस ने सुबह से ही कांग्रेस मुख्यालय और राहुल गांधी के आवास पर सुबह से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी और ईडी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी के ईडी कार्यालय जाते वक्त राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे और राहुल गांधी के प्रति अपना समर्थन जताया. राहुल गांधी ईडी कार्यालय तक जाने के लिए कांग्रेस मुख्यालय से थोड़ी दूर तक पैदल चले. पुलिस ने इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक दिया. सुबह करीब 11 बजे राहुल गांधी का काफिला ईडी कार्यालय पहुंचा.
इससे पहले, पार्टी के प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर पुलिस ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और कांग्रेस मुख्यालय के आसपास धारा 144 लगा दी. मुख्य विपक्षी दल के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ईडी को भाजपा का ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिमार्टमेंट’ करार दिया और आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कांग्रेस के ‘सत्याग्रह’ को रोकने के लिए नई दिल्ली के इलाके में अघोषित आपातकाल लगा दिया है.
राहुल गांधी की पेशी को देखते हुए कांग्रेस ने देश भर में ईडी कार्यालयों के बाहर ‘सत्याग्रह’ का फैसला किया था और दिल्ली में भी बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रखी थी. ईडी की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जिन नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया, उनमें रजनी पाटिल, अखिलेश प्रसाद सिंह, एल हनुमंतैया, अधीर रंजन चौधरी, केसी वेणुगोपाल, दीपेंद्र हुड्डा, अशोक गहलोत आदि शामिल हैं. इनमें अधीर रंजन चौधरी और केसी वेणुगोपाल को तुगलक रोड थाने ले जाया गया, जबकि दीपेंद्र एस हुड्डा और अशोक गहलोत को फतेहपुर थाने ले जाया गया.
बताते चलें कि ईडी ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया है. जांच एजेंसी ने इससे पहले राहुल गांधी को 2 जून को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने पेश होने के लिए कोई दूसरी तारीख देने का अनुरोध करते हुए कहा था, क्योंकि वे देश से बाहर थे. जांच एजेंसी ने इसी मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 23 जून को तलब किया है. पहले उन्हें आठ जून को पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था. हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष ने पेश होने के लिए और समय मांगा था क्योंकि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हैं तथा अब तक स्वस्थ नहीं हुई हैं.
कांग्रेस का कहना है कि उसके टॉप नेताओं के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं तथा ईडी की कार्रवाई प्रतिशोध की राजनीति के तहत की जा रही है. उसने यह भी कहा है कि वह एवं उसका नेतृत्व झुकने वाले नहीं है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने कांग्रेस के टॉप नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा कि कांग्रेस एक राजनीतिक दल है और एक राजनीतिक दल किसी कंपनी में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकता. इसलिए, ‘यंग इंडियन’ के नाम से एक गैर-लाभकारी कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी) को ‘नेशनल हेराल्ड’ एवं एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के शेयर दिए गए, ताकि 90 करोड़ रुपये का कर्ज खत्म हो सके. उन्होंने कहा कि इस 90 करोड़ रुपये में से 67 करोड़ रुपये कर्मचारियों के वेतन एवं वीआरएस के लिए दिए गए तथा बाकी सरकार का बकाया, बिजली के बिल तथा भवन के लिए भुगतान हुआ. यह अपराध कैसे हो सकता है? यह तो कर्तव्य का बोध है. हमने मोदी सरकार की तरह देश की संपत्ति अपने उद्योगपति मित्रों को नहीं बेच डाली.
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सुरजेवाला के अनुसार, ‘नेशनल हेराल्ड’ के स्वामित्व वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास आज भी सारी संपत्ति हूबहू सुरक्षित है. ईडी के अधिकारियों ने पिछले दिनों बताया था कि एजेंसी मनी लॉन्ड्रिंग प्रीवेंशन एक्ट (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत सोनिया और राहुल के बयान दर्ज करना चाहती है. अधिकारियों ने कहा था कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और गांधी परिवार से पूछताछ ईडी की जांच का हिस्सा है, ताकि ‘यंग इंडियन’ और ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) के हिस्सेदारी पैटर्न, वित्तीय लेनदेन और प्रवर्तकों की भूमिका को समझा जा सके. ‘यंग इंडियन’ के प्रवर्तकों और शेयरधारकों में सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्य शामिल हैं.
भाषा इनपुट
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