‘…और जब भरी सभा में कांग्रेसियों पर भड़के राहुल गांधी’, क्या कांग्रेस में पड़ने वाली है फूट ? अमित शाह भी कर चुके हैं इशारा
क्या कांग्रेस (congress) पार्टी में फूट पड़ने वाली है ? ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि भाजपा (bjp) और कांग्रेस में जारी गतिविधियों से इस बात का अंदेशा जताया जा रहा है. दरअसल, जानकारी सामने आयी है कि मंगलवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी (rahul gandhi) अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर भड़क गये थे. इसके बाद गुरुवार को भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह (bjp, amit shah) ने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया है. वहां नेता घुटन महसूस कर रहे हैं. इन दोनों घटनाओं के बाद राजनीतिक जानकार बताते हैं कि कांग्रेस में जल्द ही कुछ बड़ा होता नजर आएगा.
क्या कांग्रेस पार्टी में फूट पड़ने वाली है ? ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि भाजपा और कांग्रेस में जारी गतिविधियों से इस बात का अंदेशा जताया जा रहा है. दरअसल, जानकारी सामने आयी है कि मंगलवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर भड़क गये थे. इसके बाद गुरुवार को भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया है. वहां नेता घुटन महसूस कर रहे हैं. इन दोनों घटनाओं के बाद राजनीतिक जानकार बताते हैं कि कांग्रेस में जल्द ही कुछ बड़ा होता नजर आएगा.
कांग्रेसियों पर भड़के राहुल, बोले आप मोदी पर हमला से बचते हैं
दरअसल, मंगलवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर भड़कते नजर आये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले नहीं करने की सलाह उन्हें नागवार गुजरी थी. राहुल ने साफ कहा कि वह मोदी पर हमले जारी रखेंगे. उन्होंने इशारा किया कि उनके कई सहयोगी मोदी पर सीधा हमला करने से बचते हैं. राहुल का उनकी बहन प्रियंका गांधी ने समर्थन किया. प्रियंका ने कहा कि राहुल गांधी और कुछ अन्य को छोड़ दें, तो ज्यादातर कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह पर सीधे हमले से बचते हैं.
कांग्रेस के नेता अब अपनी ही पार्टी में कर रहे हैं घुटन महसूस
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला और आरोप लगाया कि एक परिवार के हित दलीय व राष्ट्रीय हितों पर हावी हो गए हैं. उन्होंने साथ ही सवाल किया कि ‘‘आपातकाल की मानसिकता”क्यों आज भी कांग्रेस में विद्यमान है. आपातकाल के 45 साल पूरे होने पर शाह ने एक के बाद एक सिलसिलेवार ट्वीट किए और दावा किया कि कांग्रेस के नेता अब अपनी ही पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं. उनके मुताबिक जनता से विपक्षी पार्टी की दूरी बढ़तीजा रही है.
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क्या राहुल की फिर होगी ताजपोशी?
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में मंगलवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राहुल गांधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने की पैरवी की गयी जिसके बाद बाद पार्टी के भीतर एक बार फिर यह मांग जोर पकड़ती नजर आ रही है. कांग्रेस के पूर्व सांसद हुसैन दलवई और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव सीवी चंद रेड्डी ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह किया कि राहुल गांधी को अध्यक्ष की जिम्मेदारी जल्द से जल्द सौंप दी जाए. जानकार बताते हैं कि यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस से नाराज चल रहे कुछ बड़े पार्टी नेता अलग रास्ता तलाश कर सकते हैं.
Posted By: Amitabh Kumar