कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया है. उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया और लिखा कि सभी फ्यूल टैक्स का 68% केंद्र लेता है, तो कोयले की कमी, बढ़ती कीमतों के लिए राज्य दोषी कैसे हो सकते हैं. ट्वीट में उन्होंने लिखा कि…
-उच्च ईंधन की कीमतें – दोषी राज्य
-कोयले की कमी – दोषी राज्य
-ऑक्सीजन की कमी – दोषी राज्य
High Fuel prices – blame states
Coal shortage – blame states
Oxygen shortage – blame states68% of all fuel taxes are taken by the centre. Yet, the PM abdicates responsibility.
Modi’s Federalism is not cooperative. It’s coercive.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 28, 2022
-राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि ईंधन की अत्यधिक कीमतों के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराइये ! कोयले की कमी के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराइये ! ऑक्सीजन की कमी के लिए राज्यों को जिम्मेदार ठहराइये! ईंधन पर लगने वाले कर का 68 प्रतिशत हिस्सा केंद्र लेता है. इसके बावजूद प्रधानमंत्री जिम्मेदार से पल्ला झाड़ते हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी का संघवाद सहकारी नहीं है. यह प्रतिरोधी है. यहां चर्चा कर दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कोरोना की स्थिति को लेकर राज्यों के साथ बैठक की थी. इस बैठक के बाद उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर भी बात की और राज्यों से वैट कम करने का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध सहित कुछ अन्य वैश्विक परिस्थितियों के मद्देनजर बढ़ती चुनौतियों का हवाला बुधवार को दिया. यही नहीं उन्होंने आर्थिक निर्णयों में केंद्र व राज्य सरकारों के बीच अधिक तालमेल और सामंजस्य की जरूरत पर बल दिया. प्रधानमंत्री ने महंगाई से जनता को राहत देने के लिए विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोल-डीजल पर मूल्य वर्धित कर यानी वैट में कटौती करने का आग्रह किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के बाद कहा कि ये वैश्विक संकट अनेक चुनौतियां लेकर आ रहा है. ऐसे में केंद्र और राज्य के बीच तालमेल को और बढ़ाना जरूरी हो चुका है. प्रधानमंत्री ने आम जनता पर पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों का बोझ कम करने के लिए पिछले साल नवंबर में आयात शुल्क में की गई कटौती का जिक्र किया और गैर भाजपा सरकारों से लोगों को राहत देने की अपील की. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने सभी राज्यों से उस वक्त आग्रह किया था कि वे अपने यहां वैट कम करें. कुछ राज्यों ने तो अपने यहां टैक्स कम कर दिया लेकिन कुछ राज्यों ने अपने लोगों को इसका लाभ नहीं दिया गया.