‘आखिर लोकसभा में पीएम मोदी की बात सुनकर क्यों चौंक गये राहुल गांधी’, खुद कांग्रेस नेता ने बताया
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मैंने जब पीएम मोदी को संसद में सुना तो चौंक गया. वे MGNREGA के संबंध में अपनी बात रख रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे UPA की विफलताओं का जीवंत स्मारक बताया था.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड के दौरे पर हैं. यहां उन्होंने शनिवार को MGNREGA कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला किया. उन्होंने कहा कि UPA की सरकार ने MGNREGA को संकल्पित, विकसित और लागू किया था. मुझे याद है जब इसका पहली बार उल्लेख किया गया था तब हमारी सरकार को बहुत प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था. उस वक्त नौकरशाहों, व्यवसायियों ने कहा था कि यह पैसे की बर्बादी मात्र है.
राहुल गांधी ने किया पीएम मोदी पर हमला
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मैंने जब पीएम मोदी को संसद में सुना तो चौंक गया. वे MGNREGA के संबंध में अपनी बात रख रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे UPA की विफलताओं का जीवंत स्मारक बताया था. उन्होंने इसे राजकोष पर एक बोझ करार दिया था. इससे मुझे एहसास हुआ कि प्रधानमंत्री वास्तव में मनरेगा की गहराई को नहीं समझ सके हैं.
I was shocked in Lok Sabha when I heard the PM speak against MGNREGA. He called it a living monument of the failures of the UPA. He called it a drain on the exchequer. It made me realise that the PM actually had not understood the depth of MGNREGA: Rahul Gandhi in Wayanad, Kerala pic.twitter.com/X3QvZp5cp0
— ANI (@ANI) July 2, 2022
कब हुई MGNREGA की शुरूआत
2006 में एक सामाजिक सुरक्षा कवच कार्यक्रम के रूप में MGNREGA की शुरूआत की गयी. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी कि MGNREGA ग्रामीण परिवारों को 100 दिनों के काम की गारंटी देने का काम करता है.
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सोनिया गांधी भी मोदी सरकार पर उठा चुकीं हैं सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी कई अवसर पर MGNREGA को लेकर अपनी राय रख चुकीं हैं. संसद सत्र के दौरान लोकसभा में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि MGNREGA के बजट में कटौती की गयी है जिसके कारण मजदूरों को परेशानी हो रही है. हालांकि मोदी सरकार ने उनके आरोपों को तथ्यों से परे करार देते दिया था. मोदी सरकार की ओर से जवाब दिया गया था कि मनरेगा के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है, जबकि पूर्व की यूपीए सरकार के समय न सिर्फ आवंटन कम था, बल्कि ‘भ्रष्टाचार’ भी होता था.