केंद्रीय कर्मियों के DA में कटौती पर राहुल गांधी का केंद्र सरकार पर किया वार, जानिए अपने ट्वीट में उन्होंने क्या कहा…?
कोरोना वायरस महामारी से मुकाबला करने के लिए गुरुवार को केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर जुलाई 2021 तक रोक लगाये जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी से मुकाबला करने के लिए गुरुवार को केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर जुलाई 2021 तक रोक लगाये जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्विटर पर किये गये ट्वीट में सरकार पर केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में कटौती को अमानवीय करार दिया है.
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता (DA) काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है.’
बता दें कि केंद्र सरकार ने एक जनवरी, 2020 से एक जुलाई, 2021 के बीच महंगाई भत्ते (DA) की दर को संशोधित नहीं करने का फैसला लिया है. हालांकि, महंगाई भत्ते का भुगतान मौजूदा दर (17 फीसदी) से किया जाता रहेगा. सरकार के इस फैसले से केंद्र सरकार के करीब 48 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर प्रभावित होंगे. इसका मतलब कि कुल मिलाकर एक करोड़ 1.13 करोड़ परिवार इस फैसले की जद में होंगे.
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किये गये आदेश के अनुसार, कोरोना वायरस के संकट की वजह से 1 जनवरी, 2020 के बाद से केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनधारी को मिलने वाली महंगाई भत्ते की राशि नहीं दी जाएगी. वहीं, 1 जुलाई 2020 से जो बकाया महंगाई भत्ता मिलना था, उसको भी नहीं दिया जाएगा.अब इसके आगे महंगाई भत्ता देने का फैसला कब किया जाएगा, ये 1 जुलाई 2021 को साफ होगा. ये आदेश केंद्रीय कर्मचारी और केंद्र सरकार द्वारा पेंशन पाने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के इन भत्तों की रोक से वित्तीय वर्ष 2020-21 और 2021-2022 में सरकार को कुल 37530 करोड़ रुपये की बचत होगी.
गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से केंद्र सरकार की ओर से कई तरह की योजनाओं में कटौती की जा रही है. इससे पहले गुरुवार को ही रक्षा बजट में कटौती की बात सामने आयी है, जहां पर नयी परियोजनाओं की खरीद को कुछ वक्त के लिए रोकने की बात कही गयी है. इस फैसले का असर राफेल विमान, एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद पर भी पड़ सकता है.