Facebook विवाद : राहुल गांधी ने PM मोदी पर बोला हमला, कांग्रेस-भाजपा एकबार फिर आमने-सामने

नयी दिल्ली : वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट को लेकर अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. सोमवार को कांग्रेस और वामदलों ने भाजपा और फेसबुक (Facebook) दोनों पर जमकर आरोप लगाये थे. मंगलवार को कांग्रेस (INC) ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (mark zuckerberg) को एक चिट्ठी भी लिखी है. जिसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए राहुल एक बार फिर पीएम मोदी (PM Modi) पर हमलावर हुए हैं. राहुल ने कहा कि हर भारतीय को फेसबुक पर सवाल उठाना चाहिए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2020 7:51 PM
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नयी दिल्ली : वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट को लेकर अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. सोमवार को कांग्रेस और वामदलों ने भाजपा और फेसबुक (Facebook) दोनों पर जमकर आरोप लगाये थे. मंगलवार को कांग्रेस (INC) ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (mark zuckerberg) को एक चिट्ठी भी लिखी है. जिसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए राहुल एक बार फिर पीएम मोदी (PM Modi) पर हमलावर हुए हैं. राहुल ने कहा कि हर भारतीय को फेसबुक पर सवाल उठाना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल ने खुलासा किया है कि फेसबुक इस तरह के झूठ और नफरत फैलाने का काम करती आयी है और उस पर सभी भारतीयों को सवाल उठाना चाहिए.’ राहुल ने आगे लिखा, ‘पक्षपात, झूठी खबरों और नफरत भरी बातों को हम कठिन संघर्ष से हासिल हुए लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे.’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाये हैं कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से ‘फर्जी सूचना’ फैलाते हैं. बता दें कि अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ ने शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के साथ साक्षात्कारों का हवाला दिया है. इसमें दावा किया गया है कि उसके एक वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी.

सोमवार को कांग्रेस एवं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इस समाचार की संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग की कि फेसबुक भाजपा के कुछ नेताओं को लेकर घृणा भाषणों के नियमों को लागू नहीं करती. हालांकि सोशल मीडिया की इस दिग्गज कंपनी ने जोर देकर कहा कि उसकी नीतियां वैश्विक रूप से बिना राजनीतिक जुड़ाव देखे लागू की जाती हैं.

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कांग्रेस ने फेसबुक पर लगाया यह आरोप

कांग्रेस ने कहा कि फेसबुक द्वारा घृणा से भरी सामग्री के खिलाफ ‘कार्रवाई नहीं करने’ से भारत में ‘लोकतंत्र अस्थिर’ हो रहा है और यह कि वह विभिन्न देशों में विभिन्न नियम लागू कर रही है, ‘बिल्कुल अस्वीकार्य’ है.’ कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि समिति रिपोर्ट के बारे में फेसबुक का पक्ष जानना चाहेगी. उसके बाद दिल्ली विधानसभा की एक समिति ने भी कहा कि भारत में नफरत भरी सामग्री पर अंकुश लगाने में जानबूझकर निष्क्रियता बरतने की शिकायतों को लेकर वह दास समेत फेसबुक के अधिकारियों को तलब करेगी.

फेसबुक ने दर्ज करायी शिकायत

इस विवाद के बीच भारत में फेसबुक की वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी आंखी दास ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि इस खबर के बाद उन्हें ‘जान से मारने की धमकी’ मिल रही है और उन्हें जानबूझकर बदनाम किया गया है. फेसबुक ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि कंपनी के सोशल मीडिया मंच पर नफरत या द्वेष फैलाने वालों ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है. कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है.

भाजपा ने भी कांग्रेस पर किया पलटवार

सोशल मीडिया मंच फेसबुक को लेकर चल रहे विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि कुछ लोग समझते हैं, कि इस सार्वजनिक मंच पर उनका एकाधिकार होना चाहिए, भले ही उनका राजनीतिक वजूद खत्म हो गया हो. केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि अगर कोई मंच जनता का मंच है तो हर विचार के लोगों को वहां अपनी बात रखने का हक है. प्रसाद ने कहा कि जो ‘वॉल स्ट्रीट जनरल’ में खबर छपी है वह विषय फेसबुक का है.

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उन्होंने कहा कि फेसबुक अपना तय करे, उनकी अपनी पॉलिसी है, उनका अपना सिस्टम है. उन्होंने दावा किया कि भाजपा के समर्थन में लिखे गए 700 से अधिक पोस्ट भी हटा दिये गये. उन्होंने कहा, ‘अगर पब्लिक प्लेटफॉर्म है तो लोगों को अपनी बात रखने का अधिकार है. हर विचार के लोगों को वहां अपनी बात रखने का हक है. लेकिन एक कड़वी सच्चाई ये भी है जिसे हमें समझना चाहिए. कुछ लोग समझते हैं, कि पब्लिक प्लेटफार्म पर उनकी मोनोपोली होनी चाहिए, भले ही उनका राजनीतिक वजूद खत्म हो गया है.’

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

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