नयी दिल्ली: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार पर बड़ा हमला किया है. राहुल गांधी ने कहा है कि मोदी सरकार शुरू से ही जन अधिकारों को खत्म करने की कोशिश करती आ रही है. शनिवार को राहुल गांधी का यह बयान पीएम नरेंद्र मोदी के हाल में दिये गये एक बयान के बाद आया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के माउंट आबू में कहा था, ‘आजादी के बाद के 75 वर्षों में हमारे समाज में, हमारे राष्ट्र में, एक बुराई सबके भीतर घर कर गयी है. ये बुराई है, अपने कर्तव्यों से विमुख होना, अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि ना रखना. हमने सिर्फ अधिकारों की बात की, अधिकारों के लिए झगड़ते, जूझते, समय खपाते रहे.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जनवरी को राजस्थान के माउंट आबू स्थित ब्रह्मकुमारी संस्थान द्वारा आयोजित ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया था. इसी की पृष्ठभूमि में राहुल गांधी ने शनिवार को ट्वीट करके पीएम मोदी पर निशाना साधा.
Also Read: अब इंडिया गेट पर नहीं जलेगी अमर जवान ज्योति, बोले राहुल गांधी- दुख की बात, जानें वजह
राहुल गांधी ने कहा, ‘जन अधिकारों के बिना दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का क्या मतलब? मोदी सरकार शुरू से जन अधिकारों को खत्म करने की कोशिश करती आ रही है. मौलिक अधिकारों समेत क्या इन अधिकारों के बिना आप भारत की कल्पना तक कर सकते हैं?’
जन अधिकारों के बिना दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का क्या मतलब?
मोदी सरकार शुरू से जन अधिकारों को ख़त्म करने की कोशिश करती आ रही है।
मौलिक अधिकारों समेत क्या इन अधिकारों के बिना आप भारत की कल्पना तक कर सकते हैं?
• भोजन का अधिकार- ताकि किसी को भूख का सामना ना करना पड़े।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 22, 2022
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘भोजन का अधिकार- ताकि किसी को भूख का सामना न करना पड़े. शिक्षा का अधिकार- आज बच्चा-बच्चा स्कूल जाता है, एक बेहतर कल बनाता है. अपने लिए और देश के लिए. रोजगार का अधिकार- भाजपा के कट्टर विरोध के बावजूद संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने जनता को रोजगार की सुरक्षा दी. कोरोना के मुश्किल समय में भी इससे देशवासियों को सहारा मिला.’
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के अनुसार, ‘सूचना का अधिकार- लोकतंत्र का दूसरा नाम पारदर्शिता है. जनता को सवाल करने और जवाब पाने का अधिकार है. सूचना का अधिकार भी कांग्रेस नीत यूपीए ने दिया.’ उन्होंने सवाल किया, ‘इनमें से किस अधिकार से प्रधानमंत्री को आपत्ति है? और क्यों?’
प्रधानमंत्री ने 20 जनवरी को कहा था, ‘अधिकार की बात, कुछ हद तक, कुछ समय के लिए, किसी एक परिस्थिति में सही हो सकती है, लेकिन अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाना, इस बात ने भारत को कमजोर रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभायी है.’ प्रधानमंत्री ने सभी का आह्वान किया था, ‘हम सभी को, देश के हर नागरिक के हृदय में एक दीया जलाना है- कर्तव्य का दीया. हम सभी मिलकर, देश को कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ायेंगे, तो समाज में व्याप्त बुराइयां भी दूर होंगी और देश नयी ऊंचाई पर भी पहुंचेगा.’
Posted By: Mithilesh Jha