राहुल गांधी प्रकरण: सजा पर रोक के बाद सदस्यता बहाली का है प्रावधान

सुप्रीम कोर्ट से मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक के बाद से ही कांग्रेस उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल करने की मांग कर ही है. जानें मामले पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2023 8:44 AM

(जीसी मल्होत्रा,पूर्व महासचिव, लोकसभा)

मोदी सरनेम मामले में दो साल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी को सदस्यता बहाल करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष के सामने आवेदन देना होगा और यह बताना होगा कि उनकी सजा पर शीर्ष अदालत रोक लगा चुकी है. ऐसे में उनकी सदस्यता दोबारा बहाल की जाए. आवेदन के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी भी देनी होगी.

इसके बाद लोकसभा सचिवालय आवेदन पर गौर करते हुए आदेश जारी करेगा. ऐसा नहीं है कि आवेदन देते ही राहुल गांधी की सदस्यता तत्काल बहाल कर दी जायेगी. क्योंकि हाल ही में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लक्षद्वीप से लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता निचली अदालत के फैसले के बाद रद्द कर दी गयी थी. फैजल ने निचली अदालत के फैसले को केरल हाईकोर्ट में चुनौती दी और हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया. लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के कई दिनों बाद उनकी सदस्यता बहाल की गयी. ऐसे में राहुल गांधी के मामले में लोकसभा अध्यक्ष कितने दिनों में फैसला लेते हैं, यह तय नहीं है. सदस्यता बहाल करने के मामले में लोकसभा अध्यक्ष समय ले सकते हैं.

इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष को बाध्य नहीं किया जा सकता है. यदि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद वायनाड सीट पर उपचुनाव हो गया होता तो उनकी सदस्यता किसी भी सूरत में बहाल नहीं होती. अगर लोकसभा सचिवालय सदस्यता बहाल करने के मामले को लंबा खींचता है तो राहुल गांधी के पास इसे अदालत में चुनौती देने का विकल्प मौजूद है.

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राहुल की सदस्यता बहाली में देरी क्यों : कांग्रेस

सुप्रीम कोर्ट से मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक के बाद से ही कांग्रेस उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल करने की मांग कर ही है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया है कि जब 23 मार्च को जिला अदालत ने उन्होंने दोषी ठहराया था, तब 26 घंटे के भीतर उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गयी थी. अब उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाये जाने के 26 घंटे बीत चुके हैं, पर उनकी सदस्यता बहाल क्यों नहीं की गयी?

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