राहुल का आरोप, लोगों को नकद सहयोग की जरूरत, लेकिन ऐसा ना करके अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है सरकार
Rahul Gandhi charges Narendra modi government for not givning people cash support : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार कोरोना वायरस के संकट के समय लोगों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र की इकाइयों को नकद सहयोग नहीं देकर अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है. उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार का यह रुख ‘नोटबंदी 2.0' है.
नयी दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार कोरोना वायरस के संकट के समय लोगों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र की इकाइयों को नकद सहयोग नहीं देकर अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर रही है. उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार का यह रुख ‘नोटबंदी 2.0′ है.
Govt is actively destroying our economy by refusing to give cash support to people and MSMEs.
This is Demon 2.0.https://t.co/mWs1e0g3up
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 6, 2020
गांधी ने एक खबर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ‘‘सरकार लोगों और एमएसएमई को नकद सहयोग देने से इनकार करके हमारी अर्थव्यवस्था को सक्रियता के साथ नष्ट कर रही है. यह नोबंदी 2.0 है.” गौरतलब है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पिछले कई हफ्तों से सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि गरीबों, मजदूरों और एमएसएमई की वित्तीय मदद की जाए. उनका कहना है कि लोगों को खातों में अगले छह महीनों के लिए 7500 रुपये महीने भेजे जाएं और तत्काल 10 हजार रुपये दिए जाएं.
राहुल गांधी ने हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर को शेयर किया है और उसपर यह प्रतिक्रिया दी है. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कल भी एक ग्रॉफ ट्वीट किया था जिसमें कोरोना के मामले देश में बढ़ते हुए दिखाये गये हैं. राहुल ने उस ग्रॉफ के जरिये मोदी सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि यह उनकी नीतियों की असफलता है. राहुल गांधी ने लॉकडाउन को पूरी तरह फेल बताया है.
Also Read: चीन नहीं निकालना चाहता भारत के साथ विवाद का हल ? जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ
इससे पहले भी राहुल गांधी यह कह चुके है कि लॉकडाउन कोरोना संक्रमण पर बस एक पॉज बटन है जिसके जरिये आप उसपर कुछ देर के लिए लगाम कस सकते हैं यह कोरोना का इलाज नहीं है. राहुल का कहना है कि सरकार ने लॉकडाउन का फैसला बिना सोचे-समझे लगाया जिसके कारण प्रवासी मजदूरों को भी बहुत कष्ट उठाना पड़ा.
Posted By : Rajneesh Anand