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आपातकाल को राहुल गांधी ने माना इंदिरा गांधी की सबसे बड़ी भूल, कांग्रेस को बदलने की दी नसीहत

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने माना कि 1975 के दौरान देश में लगाया गया आपातकाल उनकी दादी इंदिरा गांधी की सबसे बड़ी भूल थी. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लगाया गया आपातकाल एक गलती थी.

नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने माना कि 1975 के दौरान देश में लगाया गया आपातकाल उनकी दादी इंदिरा गांधी की सबसे बड़ी भूल थी. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लगाया गया आपातकाल एक गलती थी. उन्होंने कहा कि उस दौरान जो भी हुआ, वह गलत था, लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य से बिलकुल अलग था, क्योंकि कांग्रेस ने कभी भी देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास नहीं किया. इसके साथ ही, राहुल गांधी ने कांग्रेस को बदलने और उसे विनम्र बनाने की नसीहत भी दे डाली.

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अहंकार से लड़ने के लिए कांग्रेस को बदलना होगा और विनम्र बने रहना होगा. इसके साथ ही उन्होंने ने कहा कि 2014 के बाद से विपक्ष सत्ता के लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए संघर्ष कर रहा है.

अमेरिका के कॉर्नेल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु के साथ हुई बातचीत में गांधी ने कहा कि वह कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र के पक्षधर हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी, देश को उसका संविधान दिया और समानता के लिए खड़ी हुई.

इंदिरा गांधी ने भी आपातकाल को मानी थीं गलती

आपातकाल पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वह एक गलती थी. बिलकुल, वह एक गलती थी और मेरी दादी (इंदिरा गांधी) ने भी ऐसा कहा था. आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी. इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि उन्हें हारने का डर था. इस संबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल में जो भी हुआ वह गलत था और उसमें तथा आज की परिस्थिति में मूलभूत अंतर है.

2014 के बाद से भारत के लिए संघर्ष कर रहा विपक्ष

इसके साथ ही, राहुल गांधी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के अहंकार से लड़ने के लिए कांग्रेस को बदलना होगा और विनम्र बने रहना होगा. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से विपक्ष सत्ता के लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए संघर्ष कर रहा है. राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ प्रतिरोध को एक साथ लाते हुए कांग्रेस पार्टी को लोगों के लिए खुद को खोलना और स्वयं को उनके सामने प्रस्तुत करना होगा.

प्रतिरोधों को एकत्र कर साथ लाएं : राहुल

हालिया चुनावी हार के मद्देनजर कांग्रेस के लिए उनकी दृष्टि के बारे में पूछे जाने पर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि प्रतिरोधों को एकत्र करें और इसे एक साथ लाएं. सभी मोर्चों पर विभिन्न प्रकार के लोगों का विरोध है और कांग्रेस पार्टी को उनका सम्मान करने और उन्हें ग्रहण करने के लिए लचीला होना होगा.

कुछ भी आक्रामक नहीं करेंगे

उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी को खुद को बदलना होगा. उसे भूमिका अदा करने के लिए स्वयं में बदलाव लाना होगा. याद करिये जब हमने कांग्रेस पार्टी की शुरूआत की थी, तो यह मूल रूप से प्रतिरोधों को एक साथ ला रही थी, हमें उन दिनों में निष्क्रिय प्रतिरोध कहा जाता था, क्योंकि हमारा प्रतिरोध हिंसक नहीं था और हम अब भी वैसे नहीं हैं. इसलिए हम कभी भी हिंसक रूप से कुछ भी नहीं करेंगे. कुछ भी आक्रामक नहीं करेंगे, लेकिन हम भारत की शक्ति को एक साथ लाएंगे.

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Posted by : Vishwat Sen

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