राहुल गांधी को लेकर भारत में ही नहीं अमेरिका में भी चर्चा हो रही है. यहीं नहीं अमेरिका का बाइडन प्रशासन पूरे मामले पर करीब से नजर भी रख रहा है. अमेरिकी सरकार के एक अधिकारी ने इस मामले में कहा है कि यूएस राहुल गांधी के अदालती मामले पर नजर रख रहा है और वाशिंगटन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मानवाधिकारों की सुरक्षा के प्रति साझा प्रतिबद्धता पर भारत के साथ काम करना जारी रखेगा.
कानूनी शासन और न्यायिक स्वतंत्रता लोकतंत्र का आधार-अमेरिका: अमेरिकी का राहुल गांधी मामले में कहना है कि कानूनी शासन और न्यायिक स्वतंत्रता का सम्मान किसी भी देश के लोकतंत्र की आधारशिला है. राहुल गांधी के मामले पर अमेरिका की नजर बनी हुई है. विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा है कि हम भारतीय अदालतों में राहुल गांधी के मामले को देख रहे हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने बीते दिन एक पीसी में कहा कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता पर भारत सरकार के साथ संपर्क में हैं. उन्होंने कहा, अपने भारतीय सहयोगियों के साथ हमारी बातचीत में हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित लोकतांत्रिक सिद्धांतों और मानवाधिकारों के संरक्षण के महत्व को रेखांकित करना जारी रखेंगे. एक सवाल के जवाब में पटेल ने कहा कि जिन देशों के साथ अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्ते हैं, वहां के विपक्षी दलों के सदस्यों से संपर्क रखना अमेरिका के लिए सामान्य बात है.
कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा: गौरतलब है कि मोदी सरनेम मामले में गुजरात के सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी की विवादित टिप्पणी को लेकर उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी. नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें 23 मार्च को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. इसके अगले दिन यानी 24 मार्च को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया.
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