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खतरे में राहुल गांधी की संसद सदस्यता! जानिए क्या है कानून और कैसे बने रह सकते हैं सांसद

Rahul Gandhi: राहुल गांधी की सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम करने वाले वकीलों का कहना है कि राहुल गांधी की अयोग्यता उनकी सजा के बाद तत्काल और स्वत: प्रभाव में आ गई है.

Rahul Gandhi: राहुल गांधी को सूरत की एक कोर्ट ने मानहानि के केस में दो साल की सजा सुनाई है. मोदी सरनेम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में कोर्ट ने उन्हें यह सजा सुनायी है. हालांकि, सजा के बाद कोर्ट ने उन्हें एक महीने की जमानत भी दी है, ताकी इस अवधि में राहुल गांधी उच्च अदालतों में गुहार लगा सकें. इस बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता जा सकती है. यानी वो सांसद नहीं रहेंगे. ऐसे में जानते है कि एक्सपर्ट की इसको लेकर क्या राय है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट: राहुल गांधी की सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम करने वाले वकीलों का कहना है कि राहुल गांधी की अयोग्यता उनकी सजा के बाद तत्काल और स्वत: प्रभाव में आ गई है. चुनाव आयोग के पूर्व वरिष्ठ कानूनी सलाहकार का भी कहना है कि सदस्यता नहीं जाने का एकमात्र विकल्प यही है कि अगर ट्रायल कोर्ट खुद या अपीलकर्ता अदालत उसकी सजा पर रोक लगाती है या कोर्ट उसकी सजा की अवधि को कम कर देती है.

दो साल से अधिक की सजा पर रद्द होती है सदस्यता: जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(1) और (2) के तहत यह प्रावधान है कि अगर कोई सांसद या विधायक हत्या, दुष्कर्म, धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर शत्रुता पैदा करता है, आतंकवादी गतिविधि या संविधान का अपमान करने जैसे अपराधों में शामिल होते है, तो उसकी संसद और विधानसभा की सदस्यता रद्द हो जायेगी.

क्या कहना है कानून: इसी अधिनियम की धारा 8(3) में प्रावधान है कि इन अपराधों के अलावा अन्य अपराधों के लिए भी दोषी ठहराये जाने और दो वर्ष से अधिक की सजा सुनाये जाने के बाद किसी विधायक या सांसद की सदस्यता रद्द हो सकती है और छह वर्ष तक उसके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लग सकता है. अपनी सीट पर बने रहने के लिए यह अधिनियम सदस्यों को तीन महीने तक का समय देता है, इस अवधि के अंदर उन्हें ऊपरी अदालत में गुहार लगानी होती है अन्यथा सजा सुनाये जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो सकती है.

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यानी जिस दिन से सजा सुनाई जाती है और 2 साल से ज्यादा की होती है तो उसी दिन से अयोग्यता आ जाती है. इस कड़ी में रिप्रेजेन्टेटिव एक्ट के सेक्शन 8(3) के तहत राहुल गांधी अयोग्य हो गए हैं.  कानून के जानकारों का कहना है कि अगर ऊपरी अदालत से उनकी सजा पर रोक लग जाती है तो वो अयोग्य घोषित नहीं होंगे. 

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