राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के खिलाफ SC में याचिका दाखिल, प्रावधान खत्म करने की मांग
राहुल गांधी का हवाला देते हुए केरल की आभा मुरलीधरन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. जिसमें उन्होंने जनप्रतिनिधियों के अधिनियम की धारा को असंवैधानिक करार देने की मांग की है. याचिका में दोष सिद्ध होने के बाद निर्वाचित विधायी निकायों के प्रतिनिधियों की स्वत: अयोग्यता को चुनौती दी गयी है.
मोदी सरनेम मामले में दायर आपराधिक मानहानि मामले में सूरत कोर्ट से दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कर संसद सदस्यता भी खत्म हो गयी है. अब इस मामले को लेकर कांग्रेस में मंथन जारी है, तो दूसरी ओर सदस्यता खत्म करने के प्रावधान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गयी है.
केरल की आभा मुरलीधरन ने सुप्रीम कोर्ट याचिका दाखिल की
राहुल गांधी का हवाला देते हुए केरल की आभा मुरलीधरन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. जिसमें उन्होंने जनप्रतिनिधियों के अधिनियम की धारा 8(3) को असंवैधानिक करार देने की मांग की है. याचिका में दोष सिद्ध होने के बाद निर्वाचित विधायी निकायों के प्रतिनिधियों की स्वत: अयोग्यता को चुनौती दी गयी है.
क्या कहता है जन प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951?
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत दो साल या उससे अधिक समय के लिए जेल की सजा पाने वाले व्यक्ति को दोष सिद्धि की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाता है. साथ ही सजा पूरी होने के बाद व्यक्ति छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है.
Petition filed in Supreme Court challenging automatic disqualification of representatives of elected legislative bodies after conviction. The plea challenges the constitutional validity of Section 8(3) of the Representatives of People's Act.
The plea seeks direction that… pic.twitter.com/eCCpz8Vr8Q
— ANI (@ANI) March 25, 2023
मोदी सरनेम मामले में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की गयी सांसदी
गौरतलब है कि मोदी सरनेम मामले में दायर आपराधिक मानहानि केस में दोषी ठहराए जाने के 24 घंटे के भीतर लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दे दिया. लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना में कहा गया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले लोकसभा सदस्य (राहुल गांधी) अपनी दोषसिद्धि अर्थात 23 मार्च, 2023 से सदन की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाते हैं.
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राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर भी लग सकती है रोक
अगर 52 वर्षीय राहुल गांधी की दोषसिद्धि और सजा पर ऊपरी अदालत से स्थगन आदेश नहीं मिलता है, तो वह अगले आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. अयोग्य ठहराए जाने की अधिसूचना जारी होने से कुछ घंटे पहले राहुल गांधी लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए और संसद भवन में पार्टी सांसदों की बैठक में भाग लिया.
राहुल गांधी के पास अब क्या है रास्ता
अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की जेल की सजा होती है और ऊपरी अदालत द्वारा इस सजा पर रोक लगा दी जाती है, तो जनप्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम के तहत वह अयोग्यता से बच सकता है. मानहानि के मामले में गांधी को राहत के लिए पहले अपीलीय अदालत का रुख करना होगा और अपने पक्ष में न्यायिक आदेश हासिल करने के बाद में सांसद के रूप में अपनी स्थिति की बहाली के लिए उन्हें लोकसभा सचिवालय जाना होगा.
राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने इस मामले में सुनाया सजा
सूरत की एक अदालत ने मोदी सरनेम संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें दो साल के कारावास की सजा सुनाई.