Rahul Gandhi: मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रहने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अब फेसबुक के सहारे निशाना साधा है. वाल स्ट्रीट जर्नल में छपे आर्टिकल का हवाला देकर राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस भारत में फेसबुक और वाट्सएप पर कंट्रोल करते हैं. वे इसके माध्यम से फर्जी खबरें और नफरत फैलाते हैं. कांग्रेस के इन आरोपों पर भाजपा ने तो पलटवार किया ही फेसबुक ने भी एक बयान जारी कर सफाई दी.
एएनआई के मुताबिक, फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि हम हेट स्पीच या हिंसा केा बढ़ावा देने वाले कॉन्टेंट को प्रतिबंधित करते हैं और इस तरह की नीतियों को पूरी दुनिया में किसी की राजनीतिक स्थिति से इतर लागू करते हैं. हमें पता है कि आगे बहुत कुछ करना है, इसे लेकर हमारी प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि हम निष्पक्ष और सटीक रहें.
We prohibit hate speech&content that incites violence&we enforce these policies globally without regard to anyone’s political position/party affiliation. We're making progress on enforcement&conduct regular audits of our process to ensure fairness&accuracy: Facebook spokesperson pic.twitter.com/8zHJhZuXXJ
— ANI (@ANI) August 17, 2020
भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कहा, हारे हुए जो लोग खुद अपनी पार्टी में लोगों को प्रभावित नहीं कर सकते हैं वे शिकायत करते रहते हैं कि पूरा विश्व भाजपा और आरएसएस ने कंट्रोल कर रखा है. भाजपा नेता ने एक अन्य पोस्ट में कहा है कि सच तो यह है कि आज सूचनाओं तक पहुंच और अभिव्यक्ति की आजादी का लोकतांत्रिकरण कर हुआ है.
अब यह आपके परिवार (राहुल गांधी) के सेवकों द्वारा नियंत्रित नहीं होता है. इसी कारणआपको दर्द होता है. रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा है कि अभी तक बेंगलुरू दंगे को लेकर आपकी निंदा नहीं सामने आई है. इस बारे में आपका साहस कहां गायब हो गया.
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि फेसबुक जान-बूझकर भाजपा नेताओं की ‘हेट स्पीच’ वाली पोस्ट्स के खिलाफ ऐक्शन नहीं लेता. इस रिपोर्ट के बाद फेसबुक ने भाजपा नेता टी राजा सिंह के उस पोस्ट को हटाया जिसे लेकर द वॉल स्ट्रीट जर्नल में रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी. रिपोर्ट में तेलंगाना के भाजपा विधायक टी राजा सिंह की एक पोस्ट का हवाला दिया गया था जिसमें फेसबुक के नियमों का उल्लघंन हुआ था.
हालांकि कंपनी के भारत में बैठने वाले वरिष्ठ कर्मचारियों ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था. अब फेसबुक की विश्वसनीयता को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. कई कांग्रेसी नेताओं ने फेसबुक पर कई गंभीर आरोप लगाए. वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी फेसबुक पर चुनावी मुद्दों पर पक्षपात का आरोप लगाया.
Posted by: Utpal kant