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राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला को लिखा पत्र, अपने बयान पर कहा- सच्चाई तो सच्चाई होती है

लोकसभा में हिंदुओं पर दिए गए अपने बयान पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई तो सच्चाई होती है.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उनके भाषण के कुछ अंशों को कार्यवाही से हटाए जाने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया में सच्चाई ‘एक्सपंज’ हो सकती है, लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं हो सकता है.

सच्चाई तो सच्चाई होती है: राहुल गांधी

संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी की दुनिया में सच्चाई एक्सपंज हो सकती है, लेकिन वास्तविकता में सच्चाई एक्सपंज नहीं की जा सकती है. कांग्रेस सांसद ने कहा कि जो मुझे कहना था, मैंने कह दिया. जो मैंने कहा वह सच्चाई है. सच्चाई तो सच्चाई होती है.

पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर विषय : पीएम मोदी

राहुल गांधी ने सोमवार को बीजेपी पर देश में सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था. उनके इस आरोप के बाद सत्ता पक्ष के सांसदों ने जोरदार तरीके से विरोध जताया था. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सीट पर खड़े हो गए और कहा- पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर विषय है.

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New delhi: leader of opposition in lok sabha rahul gandhi arrives to attend the parliament session

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाये गए धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने इस दौरान कहा कि हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता, कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता है. कांग्रेस सांसद राहुल के भाषण के कुछ अंश सदन की कार्यवाही से आसन के निर्देशानुसार हटाए जा चुके हैं.

राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने भाषण से हटाए गए अंशों और टिप्पणियों के बारे में स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा है. पत्र के माध्यम से उन्होंने अनुरोध किया है कि टिप्पणियों को बहाल किया जाए. पत्र में लिखा गया है कि मैं यह देखकर स्तब्ध हूं कि मेरे भाषण के काफी हिस्से को कार्यवाही से हटा दिया गया है… मेरी टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाना संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है.

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