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क्या होगा राहुल गांधी का ? मानसून सत्र का आखिरी सप्ताह हंगामेदार रहने की संभावना

विपक्षी दल मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर संसद में प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं और इसके कारण 20 जुलाई से आरंभ हुआ संसद का मानसून सत्र अबतक हंगामेदार नजर आया. जानें राहुल गांधी को लेकर क्या होगा आज

आज संसद सत्र पर सबकी नजर टिकी रहेगी. दरअसल, लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर इस सप्ताह होने वाली चर्चा के मद्देनजर संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिनों में संभवत: विपक्षी दल हंगामा कर सकते हैं. सोमवार को यानी आज सभी की निगाहें लोकसभा सचिवालय पर टिकी रहेंगी, जब वह (सचिवालय) संभवत: ‘मोदी सरनेम’ मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट के स्थगनादेश की समीक्षा करेगा और उनकी संसद सदस्यता रद्द करने के संबंध में फैसला करेगा.

यदि लोकसभा के सदस्य के तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने का फैसला रद्द किया जाता है, तो कांग्रेस की प्राथमिकता होगी कि मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान वे विपक्ष की ओर से अहम वक्ता की भूमिका निभाएं. उधर, राज्यसभा में आज दिल्ली सेवा विधेयक लाया जाएगा. लोकसभा की कार्यमंत्रणा समिति ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभवत: गुरुवार को अपना जवाब देंगे.

संसद का मानसून सत्र अबतक हंगामेदार

विपक्षी दल मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर संसद में प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं और इसके कारण 20 जुलाई से आरंभ हुआ संसद का मानसून सत्र अबतक हंगामेदार नजर आया. विपक्ष ने पिछले सप्ताह लोकसभा में अपना विरोध कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया था, ताकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली, सरकार (संशोधन) विधेयक पर चर्चा की जा सके. यह विधेयक दिल्ली में नौकरशाही का नियंत्रण निर्वाचित सरकार को देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मई में केंद्र द्वारा लाये गये अध्यादेश की जगह लेने के लिए पेश किया गया है.

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लोकसभा ने मानसून सत्र के दौरान अब तक 15 विधेयक पारित किये

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश का कड़ा विरोध किया है. कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल भी इस अध्यादेश के विरुद्ध हैं. लोकसभा ने तीन अगस्त को विवादास्पद ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक 2023’ को मंजूरी दे दी थी. राज्यसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों की संख्या समान है, लेकिन तटस्थ रुख अपनाने वालों के कारण सत्तारूड़ दल का पलड़ा भारी हो गया. आपको बता दें कि लोकसभा ने मानसून सत्र के दौरान अब तक 15 विधेयक पारित किये हैं, जिनमें से 13 विधेयक 26 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए स्वीकार किए जाने के बाद पारित किये गये.

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लोकसभा में ये बिल सूचीबद्ध

राज्यसभा ने सत्र के दौरान अब तक 12 विधेयक पारित किये हैं, इनमें से नौ विधेयक दोनों सदनों से पारित हुए हैं. वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक और अंतर-सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयक बिना किसी खास चर्चा के पारित कर दिये गये. सरकार ने लोकसभा में सोमवार को चर्चा और पारित किये जाने के लिए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023, अनुसंधान राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन विधेयक, 2023, फार्मेसी (संशोधन) विधेयक, 2023 और मध्यस्थता विधेयक, 2023 सूचीबद्ध किये हैं.

सदस्यता बहाल करने की प्रक्रिया

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सदस्यता बहाल करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष के सामने आवेदन देना होगा और यह जानकारी देनी होगी कि उनकी सजा पर शीर्ष अदालत रोक लगा चुकी है. ऐसे में उनकी सदस्यता दोबारा बहाल की जाए. आवेदन के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी भी संलग्न करनी होगी. इसके बाद लोकसभा सचिवालय आवेदन पर गौर करते हुए आदेश जारी करने का काम करेगा.

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ऐसा नहीं है कि आवेदन देते ही राहुल गांधी की सदस्यता तत्काल बहाल कर दी जायेगी. क्योंकि पिछले दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लक्षद्वीप से लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल की सदस्यता निचली अदालत के फैसले के बाद रद्द कर दी गयी थी. फैजल ने निचली अदालत के फैसले को केरल हाईकोर्ट में चुनौती दी और हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के कई दिनों बाद उनकी सदस्यता बहाल की गयी. ऐसे में राहुल गांधी के मामले में लोकसभा अध्यक्ष कितने दिनों में फैसला लेते हैं, यह कहना मुश्किल है.

भाषा इनपुट के साथ

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