लंदन में दिये बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ लगातार हमला कर रही है. लोकतंत्र पर सवाल उठाने को लेकर बीजेपी राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग पर अड़ी हुई है. दूसरी ओर कांग्रेस ने राहुल गांधी के बयान को सही ठहराया है. अब इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश का बयान सामने आया है. रमेश ने कहा, जेपीसी से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी राहुल गांधी का मुद्दा उठा रही है.
अमृत काल नहीं बल्कि आज आपातकाल है : जयराम रमेश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) को छोड़कर 16 विपक्षी दल ने जेपीसी की मांग की है. लेकिन अचानक उन्होंने (बीजेपी) लंदन में राहुल गांधी की कही बातों का मुद्दा उठा दिया. वे जेपीसी से ध्यान हटाने और कांग्रेस व राहुल गांधी को बदनाम करने के लिए उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं.
सदन में विपक्ष की आवाज को दबा रही है मोदी सरकार : जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, सदन में विपक्षी नेताओं की आवाज को केंद्र सरकार दबा रही है. हमारे भाषणों को मिटाया जा रहा है. आज अमृतकाल नहीं बल्कि आपातकाल है. यह एक तानाशाही है. संसद चलाना सरकार की जिम्मेदारी है और हम इसका समर्थन करेंगे, लेकिन हमें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा है. सरकार की मंशा सदन को चलने नहीं देना है.
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#WATCH | 16 Opposition parties except TMC are demanding JPC but suddenly they (BJP) brought up an issue of what Rahul Gandhi said in London. They are presenting his statement in a distorted manner to divert attention from JPC&to defame Congress &Rahul Gandhi: Cong leader J Ramesh pic.twitter.com/MPDuGaWuik
— ANI (@ANI) March 19, 2023
राहुल गांधी ने क्या दिया था लंदन में बयान
लंदन यात्रा पर गए राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतांत्रिक ढांचों पर ‘बर्बर हमले’ हो रहे हैं. उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि देश की संस्थाओं पर व्यापक हमला हो रहा है.
राहुल गांधी ने बयान पर दी सफाई
विदेश मंत्रालय की एक बैठक में राहुल गांधी ने लंदन में दिए अपने बयानों पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनका बयान एक व्यक्ति को लेकर था. सरकार या देश को लेकर नहीं था. विदेश मंत्रालय के कमीटी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा, मैंने केवल लोकतंत्र के हालात पर सवाल उठाये. कंसल्टेटिव कमीटी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा, मैं किसी भी देश से हस्तक्षेप करने के लिए नहीं कहा था. मैंने कहा था कि यह आंतरिक मामला है, जिसका हल निकाल लेंगे.